लगातार हो रहे कटाव के बीच बचाव कार्य की गुणवत्ता नहीं ठीक, ग्रामीणों ने लगाया ये आरोप...
पश्चिम चंपारण के बगहा पुलिस जिलान्तर्गत कई गांवों में कटाव से स्थानीय लोग परेशान हैं. कटाव की वजह से दर्जनों लोग बेघर हो चुके हैं जबकि कई लोगों की जमीन भी पानी में समा गई...

इन दिनों देश के विभिन्न हिस्सों समेत नेपाल में बारिश की वजह से देश भर में कई नदियां उफान पर हैं। इसके साथ ही बिहार की कई नदियों में जलस्तर कम होने के बावजूद बहुत तेजी से कटाव हो रहा है। पश्चिम चंपारण के बगहा पुलिस जिला के मधुबनी प्रखंड के सिसई पंचायत के नरहवा गाँव के गंडक नदी के तटवर्ती इलाकों में हो रहे कटाव से कई परिवार बेघर हो गया है। जमीन लगातार नदी में समा रही है और लोग बेघर हो रहे हैं। वहीं सरकार हो रहे कटाव को रोकने के लिए भी काम करवा रही है लेकिन स्थानीय लोग इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि विभाग द्वारा लगाये जा रहे जियो बैग और बालू भरी बोरियां पानी की तेज बहाव में बह जा रही है। इससे करोड़ों रूपये की लागत बेकार हो जा रही है और ग्रामीणों को भी कोई फायदा नहीं हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार हावी है। नदियों के किनारे जहां स्थायी बांध और पक्की संरचना बनाने की जरूरत वहां अस्थायी इंतजाम से सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। इसके कारन नरहवा, सिसवा और आसपास के कई गांवों के लोग लगातार विस्थापित हो रहे हैं। घर, खेत और बाग़ बगीचे नदी में समा रहे है जिससे लोग अपनी आजीविका से भी वंचित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी सर्वे और निरीक्षण तक ही सीमित हैं जबकि जमीनी हकीकत भयावह है। कई बार शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
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मामले में विभागीय अधिकारियो ने कहा कि नदी की धारा असामान्य रूप से तेज और अनियमित है जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं गाँव के लोगों ने चेतावनी दी कि यदि कटाव रोधी कार्य मजबूती और पारदर्शिता के साथ नहीं कराया गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। लगातार बढ़ते कटाव और प्रशासनिक उदासीनता के बीच प्रभावित परिवार दहशत और अनिश्चितता में जीवन जीने को मजबूर हैं।
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बगहा से अजय शर्मा की रिपोर्ट