जिंदा में थे लावारिस अब सामने आया वैज्ञानिक बेटा, सेवा कुटीर के सचिव ने बताया कि एक भिक्षुक की मौत के बाद...
जिंदा में थे लावारिस अब सामने आया वैज्ञानिक बेटा, सेवा कुटीर के सचिव ने बताया कि एक भिक्षुक की मौत के बाद...

पटना: भटकते हुए एक वृद्ध के परिवार ने तब तक कोई सुधि नहीं ली जब तक उनकी सांसें चलती रही लेकिन मौत के बाद अब मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए उनके पुत्र और रिश्तेदार सामने आने लगे हैं। मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वरा भिक्षाटन खत्म करने के लिए भिक्षुओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से चलाये जा रहे एक सेवा कुटीर के संचालक ने बताया कि हमारे सेवा कुटीर में 63 वर्षीय उमेश कुमार सिंह बीते 9 महीने से रह रहे थे। उन्हें भटकते हुए देख जिला प्रशासन की पहल पर हमारे कुटीर में रखा गया था जहां उनका हमलोग देख भाल कर रहे थे। इसी बीच एक दिन हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई जिसके बाद हमने हिंदू रीति रिवाज से राजधानी के बांस घाट पर उनका अंतिम संस्कार कराया और नगर निगम के रजिस्टर में भी उसकी एंट्री करवाई।
इस करीब 9-10 महीने में वृद्ध के एक भी रिश्तेदार ने हमसे न तो संपर्क किया और न ही वृद्ध की सुधि ली लेकिन अचानक बीते कुछ दिन पहले एक अंजान नंबर से एक व्यक्ति ने फोन कर अपने आपको उनका दूर का रिश्तेदार बताया और मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की। हमने जब नियम के अनुसार उनके बेटे को बुलाने की बात कही तो उन्होंने कहा कि मृतक के दो बेटे हैं जो कि बंगलौर में रहते हैं। एक बेटा वैज्ञानिक है जबकि दूसरा इंजीनियर और उनके पास वक्त की कमी है इसलिए वे नहीं आ पा रहे हैं।
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सेवा कुटीर के सचिव सतीश कुमार ने बताया कि पिछले करीब एक वर्ष में किसी ने उनकी सुधि नहीं ली। हमें जब पता चला कि वृद्ध के एक भाई राजधानी पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में रहते हैं तो मैं वहां भी मिलने गया लेकिन उन्होंने मेरे से बात नहीं की। अब इतने दिन बाद उन्हें अपने रिश्तेदार की याद आ रही है और वे मृत्यु प्रमाण पत्र की तलाश कर रहे हैं। उनलोगों को हमने मिलने के लिए भी बुलाया लेकिन समय नहीं होने की बात कह टाल गए और वे लोग सेवा कुटीर पर अलग अलग आरोप लगा रहे हैं जबकि वे अब तक हमारे सेवा कुटीर में एक बार भी नहीं आये हैं। सेवा कुटीर ने कहा कि निश्चित ही यह किसी षड्यंत्र का हिस्सा है जिसकी वजह से कोई अनुचित लाभ लेने के लिए एक लावारिस व्यक्ति के रिश्तेदार सामने आने लगे हैं।
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