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मास्टर साहब पर आने वाली है आफत, जो कोई भी मशाल जुलूस में हुए शामिल उन पर होगी कार्रवाई

Trouble is about to come on Master Saheb, action will be tak

बिहार में नियोजित शिक्षकों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. सक्षमता परीक्षा का लगातार शिक्षकों की ओर से विरोध किए जा रहे हैं. बिहार सरकार और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से लोग लगातार मांग कर रहे हैं. इस बीच आपको याद होगा कि 11 फरवरी को ही नियोजित शिक्षकों की ओर से करीब-करीब हर जिले में जमकर विरोध करते हुए मशाल जुलूस निकाले गए थे. केके पाठक के खिलाफ नियोजित शिक्षकों ने आवाज बुलंद की थी और इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई. इसका फोटो और कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. नियोजित शिक्षकों की ये पूरी लड़ाई सक्षमता परीक्षा को लेकर है.  

क्सा है सरकार की मंशा ?

इधर, बिहार सरकार चाह रही है कि एक साधरण परीक्षा के जरिए नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए. इसके लिए पांच बार मौका मिलेगा. लेकिन, नियोजित शिक्षक बिना परीक्षा दिए ही राज्यकर्मी का दर्जा चाहते हैं. तो वहीं अब शिक्षकों के मशाल जुलूस को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्त रवैया अपनाया है. दरअसल, बिहार सरकार शिक्षा विभाग की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने लेटर जारी किया है. बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को ये पत्र भेजा गया है. जिसमें मशाल जुलूस में शामिल नियोजित शिक्षकों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की बात कही गई है.

नियोजित शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि, ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि सक्षमता परीक्षा के विरोध में विभिन्न जिलों में नियोजित शिक्षकों के संगठन एवं शिक्षकों के द्वारा मशाल जूलूस निकालकर आंदोलन किया जा रहा है. ये कृत्य शिक्षकों के आचरण के विपरीत है. अतः आप सभी को निर्देश दिया जाता है कि स्थानीय समाचार पत्र/सोशल मिडिया और अन्य एजेंसियों से सूचना प्राप्त कर मशाल जुलूस एवं आंदोलन में शामिल शिक्षकों को चिह्नत कर कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करेंगे. साथ ही विभाग को सूचित करें. लेकिन, इसके उलट बात कर लें नियोजित शिक्षकों की तो, उन सभी ने 13 फरवरी को सक्षमता परीक्षा के विरोध में पटना में एक बड़े आंदोलन करने की घोषणा कर दी हैं.

सक्षमता परीक्षा में बैठना अनिवार्य 

बता दें कि, नियोजित शिक्षकों का सक्षमता परीक्षा में बैठना और इसे पास करना अनिवार्य कर दिया गया है. शिक्षकों को परीक्षा पास करने के लिए पांच मौके दिए जाएंगे, जिसमें से तीन परीक्षा में बैठना अनिवार्य होगा. वहीं, परीक्षा में सफल नहीं होने पर नियोजित शिक्षक नौकरी से निकाल दिए जाएंगे. केके पाठक की अध्यक्षता में बीते दिनों गठित की गई एक कमिटी ने यह निर्णय दिया था. वहीं, नियोजित शिक्षकों का आक्रोश पूरी तरह से कायम है और राजधानी पटना में आज बड़े स्तर पर आंदोलन की संभावना है.

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