विजय सिंहा का 'वोटर अधिकार यात्रा' पर तंज, कहा- लोकतंत्र नहीं ला पाए वो बिहार में क्या लाएंगे...
बिहार की सियासी ज़मीन पर इन दिनों एक नाम हर तरफ 'वोटर अधिकार यात्रा' गूंज रहा है। यह यात्रा अब केवल एक जनसंपर्क अभियान नहीं, बल्कि विपक्ष की एकजुटता का बड़ा प्रदर्शन बन चुकी है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की जोड़ी से शुरू हुई।

Patna : बिहार की सियासी ज़मीन पर इन दिनों एक नाम हर तरफ 'वोटर अधिकार यात्रा' गूंज रहा है। यह यात्रा अब केवल एक जनसंपर्क अभियान नहीं, बल्कि विपक्ष की एकजुटता का बड़ा प्रदर्शन बन चुकी है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की जोड़ी से शुरू हुई। इस यात्रा में अब राष्ट्रीय स्तर के कई बड़े चेहरे जुड़ चुके हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, प्रियंका गांधी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी इस यात्रा को समर्थन देते हुए मंच साझा किया है। बिहार में यात्रा को लेकर जबरदस्त जनसैलाब उमड़ रहा है। लोग भारी संख्या में पहुंचकर इस अभियान को जबरदस्त ताकत दे रहे हैं। विपक्षी दल इसे जनता की आवाज बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में NDA को जनता पूरी तरह नकार देगी।
खास बात यह है कि, 27 अगस्त को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बिहार के सीतामढ़ी में मां जानकी मंदिर में पूजा करेंगे, जिससे इस यात्रा को धार्मिक-सांस्कृतिक जुड़ाव भी मिल रहा है।
इधर, NDA खेमे में हलचल तेज हो गई है। जब पत्रकारों ने बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा से सवाल किया कि "क्या जनता अब तेजस्वी यादव की ओर झुक रही है? क्या एनडीए का जनाधार खिसक रहा है?" तो इस पर डिप्टी सीएम ने तीखे शब्दों में पलटवार करते हुए कहा कि, ये अधिकार छीन ने वाले लोग है, अपनी ही पार्टी के अंदर मजदूर बनाकर रखते है, राहुल गांधी-तेजस्वी यादव जो अपने दल में लोकतंत्र नहीं ला पाए वो बिहार में क्या लाएंगे।
उन्होंने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि “जनता उन्हें पहले भी देख चुकी है, और भ्रम में नहीं आएगी।”
अब सवाल उठता है कि, क्या यह यात्रा सच में बिहार की सियासत को हिला देगी, या यह महज़ एक राजनीतिक तमाशा बनकर रह जाएगी? आने वाले चुनाव इस यात्रा की असली परीक्षा होंगे।
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