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अरविंद केजरीवाल और प्रियंका गांधी को चुनाव आयोग ने क्यों भेजा कारण बताओ नोटिस ?

Why did the Election Commission send show cause notice to Ar

देश में एक तरफ जहां 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी बनी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग भी एक्शन मोड में दिख रहा है. इस बीच चुनाव आयोग के द्वारा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. वहीं यह मामला देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान से जुड़ा है. चुनाव आयोग ने दोनों को 16 नवंबर की तारीख दी है और इस मामले में जवाब मांगा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. 

क्यों भेजा अरविंद केजरीवाल को नोटिस ?

जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने 10 नवंबर को एक वीडियो को लेकर चुनाव आयोग से संपर्क किया था. इस वीडियो को आप ने 8 नवंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपलोड किया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिजनेसमैन गौतम अडानी को दिखाया गया था. इसके अगले दिन पार्टी ने अडानी और पीएम मोदी की एक तस्वीर पोस्ट करके आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जनता के लिए नहीं बल्कि उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं. इस दौरान बीजेपी ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66A का भी हवाला दिया, जो संचार सेवा के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश भेजने को अपराध मानता है. 

हालांकि, धारा 66A को 2015 में श्रेया सिंघल फैसले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से रद्द कर दिया गया था और इस प्रकार, इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है. वहीं, चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि, 'आप के राष्ट्रीय संयोजक को दूसरे राष्ट्रीय दल और उसके स्टार प्रचार के खिलाफ कथित सोशल मीडिया पोस्ट में दिए गए बयानों/आरोपों/कथनों पर स्पष्टीकरण और यह बताने के लिए कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए आपके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, इसके लिए बुलाया गया है.'

प्रियंका गांधी को क्यों भेजा नोटिस ? 

बता दें कि, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को चुनाव आयोग की ओर से 'अनवेरिफाइड' बयान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. दरअसल, चुनाव आयोग ने बीजेपी द्वारा की गई शिकायत पर कार्रवाई की. जिसके मुताबिक, प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाल ही में मध्य प्रदेश के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'झूठे' और 'अपुष्ट' बयान दिए थे. साथ ही जनता को गुमराह करने और पीएम की छवि खराब करने की कोशिश की. जिसके बाद उनसे जवाब मांगा गया है.

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