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महिला पदाधिकारी को बालू माफियाओं ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, जान बचाकर भागे पुलिस

Women officer was chased and beaten by sand mafia, police fl

बिहार में बालू माफिया किसी की भी नहीं सुनने वाले हैं बल्कि उनका मनोबल तो और ज्यादा बढ़ता जा रहा है. जिसका जीता-जागता उदाहरण बक्सर में देखने के लिए मिला. जहां खुलेआम महिला खनन पदाधिकारी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया. इसके साथ ही पुलिस अपनी जान बचाकर भागते दिखे. दरअसल, सुबह 4 बजे बक्सर में औचक निरीक्षण के लिए खनन इंस्पेक्टर निकले थे. लेकिन, इस दौरान इंस्पेक्टर की गाड़ी पर बालू का काला कारोबार करनेवाले माफियाओं ने उन्हें चौतरफा घेर कर ईंट-पत्थर से हमला कर दिया. इस दौरान अधिकारी वाहन के अंदर किसी तरह से छुपकर और जान बचाकर वहां से भाग निकलें. 

निरीक्षण करने निकले थे अधिकारी

मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 4 बजे खनन इंस्पेक्टर आकाश पांडे बिहार के बक्सर से यूपी में हो रहे लाल बालू के काला कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण करते हुए जैसे ही वे राजपूर थाना क्षेत्र के रोहिणी भांन के समीप पहुंचे कि बालू माफियाओं ने उनके वाहन पर ईंट-पत्थर से चौतरफा हमला कर दिया. इस दौरान पत्थर का एक टुकड़ा उनके सर से जा टकराया जिसमें वह मामूली रूप से चोटिल हो गए. इस दौरान वहां में ही छुपकर चालक और अधिकारी ने जान बचाया. हमले में वाहन के बैक लाइट के शिशे टूट गए हैं. वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी अधिकारियों ने वरीय अधिकारियों को दी. जिसके बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया. हालांकि, किसी भी बालू माफिया को पुलिस नहीं पकड़ पाई, जिसके कारण खनन विभाग के अधिकारी दहशत में हैं. 


क्या कहते हैं अधिकार

वहीं, घटना की जानकारी देते हुए खनन इंस्पेक्टर आकाश पांडे ने बताया कि, सुबह 4 बजे निरीक्षण करने के लिए राजपुर के इलाके में निकला था. जहां से बड़े पैमाने पर बालू  की तस्करी बिहार के बक्सर से यूपी में होती है. गाड़ी जैसे ही रोहिणी भांन की तरफ बढ़ी तो बालू माफियाओं को पकड़े जाने का डर सताया, इसी कारण वाहन पर ईंट-पत्थर से हमला कर दिया. जिसमें गाड़ी के शीशे टूट गये और पत्थर का एक टुकड़ा सर से टकरा गया. वरीय अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई है.

पुलिस और वरीय अधिकारियों का नहीं मिलता सहयोग

वहीं, विभागीय आधिकारिक सूत्रों की माने तो बालू माफियाओं पर कार्रवाई करने में ना तो वरीय अधिकारी खुलकर मदद करते हैं और ना ही पुलिस साथ देती है. जिसके कारण छोटे पदाधिकारियों पर अक्सर इस तरह के हमले होते हैं. कार्रवाई करने के दौरान छोटे पदाधिकारियों को भेजकर वरीय अधिकारी खुद एसी कमरे में बैठकर आराम फरमाते हैं और घटना हो जाने के बाद भी कोई बड़ा एक्शन नहीं लेते हैं. जिसके कारण बिहार की राजधानी पटना से लेकर दूर-दराज के इलाकों तक इन बालू माफियाओं का आतंक चरम सीमा पर है.

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