बिहार में पिछले 10 दिनों के अंदर करीब एक लाख बच्चों का स्कूलों से नाम काटा गया है. ये कार्यवाई शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर हुई है. ACS केके पाठक शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लगातार अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं और स्कूलों के निरीक्षण पर पूरा जोर दे रहे हैं. वह खुद स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं. पिछले दिनों जब वो पूर्णिया पहुंचे थे तब स्कूल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने एक बार फिर प्राचार्य को साफ-साफ कहा था कि जो भी बच्चे 3 दिन से ज्यादा एब्सेंट होते हैं, उनका नाम काट दें. केके पाठक के निर्देश का सख्ती से पालन हो रहा है और बच्चों के नामांकन रद्द करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है.
नामांकन डूप्लिकैसी यानी एक से अधिक जगहों पर नामांकन को खत्म करने और योजनाओं का गलत लाभ उठाने के खिलाफ विभाग ने गंभीरता दिखाई है. जिन बच्चों का नाम काटा गया है, वे सभी ऐसे विद्यार्थी हैं, जो एक ही साथ सरकारी एवं निजी विद्यालयों में दाखिला लिए हुए थे. ACS केके पाठक ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि लगातार तीन दिन स्कूल नहीं आने वाले बच्चों को नोटिस दिया जाए. उनके अभिभावक से बात करें और बच्चों को स्कूल आने के लिए कहें. इसके बाद भी लगातार 15 दिन तक स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया जाए.
अभी और बढ़ सकता है आंकड़ा
शिक्षा विभाग को जिलों से जो रिपोर्ट मिली है, उसके अनुसार 13 सितंबर तक 1 लाख 1 हजार 86 बच्चों का स्कूलों से नाम काटा गया. ये सभी बच्चे ऐसे हैं, जिनका इसी महीने नामांकन रद्द हुआ है. लेकिन यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. केके पाठक द्वारा सभी DM को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में नाम लिखाए हुए कुछ छात्रों के राज्य से बाहर रहने की सूचना है. पिछले महीने स्कूलों में निरीक्षण के दौरान ये बात सामने आई थी कि कई बच्चों ने दो विद्यालयों में नामांकन करा रखा है. इस कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहती है.
इन जिलों में सर्वाधिक नाम कटे
जिलों से जो रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक़ पश्चिम चंपारण और अररिया जिले में सबसे ज्यादा नाम काटे गए हैं. यहां करीब 10-10 हजार बच्चों का नामांकन रद्द हुआ है. वहीं पटना में 7 हजार स्टूडेंट्स का नाम काटा गया है. प्राइमरी स्कूलों में नामांकन रद्द होने वालों की संख्या ज्यादा है.
दोबारा नामांकन के लिए क्या करना होगा ?
अगर किसी बच्चे का स्कूल से नाम काट दिया गया है और वह फिर से पढ़ने आता है तो उसका दोबारा नामांकन कर लिया जाएगा. इसके लिए अभिभावक से शपथ पत्र लिया जाएगा. पेरेंट्स को यह लिखित रूप से देना होगा कि उनका बच्चा नियमित रूप से स्कूल आएगा, इसके बाद ही उसका दोबारा नामांकन किया जाएगा.
तो केके पाठक के आदेश का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. बीते 10 दिनों में 1 लाख से अधिक बच्चों के नाम कट गए हैं. आप केके पाठक के इस आदेश को कैसे देखते हैं ? आपके नजर में केके पाठक कैसा काम कर रहे हैं ? कमेन्ट करके जरुर बताएं.