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बिहार के लोगों को अब ट्रेन के भरोसे नहीं बैठना पड़ेगा, 400 मार्गों पर चलेंगी 1000 बसें

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बिहार के लोगों को अब यूपी, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड आने-जाने के लिए अब ट्रेन के भरोसे नहीं बैठना पड़ेगा. इन राज्यों में आने-जाने के लिए सरकार ने 400 रूटों का चयन किया है जहां पर 1000 बसें चलेंगी. यह सुविधा बहुत जल्द ही शुरू होने वाली है. बसें पटना,भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, आरा, गया, सीतामढ़ी, औरंगाबाद सहित अन्य जिलो से खुलेंगी. 1000 बसों में करीब 200 लग्जरी बसें होंगी. नई सुविधा से प्रदेश के करीब एक लाख से अधिक लोगों को सीधा फायदा होगा. जरूरत के अनुसार बसों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

बिहार से झारखंड, ओडिशा, यूपी, छत्तीसगढ़ और बंगाल के बीच 400 मार्गों पर बसों के परिचालन का रास्ता साफ हो गया है. इन मार्गों पर 1000 से अधिक बसों का परिचालन किया जाएगा.  बिहार से बस खुलने के बाद एक-दो राज्यों से गुजरने के दौरान आने वाले जिलों को मार्गो में जोड़ा गया है. जो छूट गया है. उसको भी सर्वे करके जोड़ा जाएगा. इसके लिए रूट परमिट तय करने की प्रक्रिया चल रही है.

प्राइवेट संचालकों को रूट परमिट दिया जा रहा है. परिवहन विभाग ने पीपीपी मोड पर बसों की संख्या बढ़ाने के लिए प्राइवेट बसों के परिचालन का फैसला लिया है. इसके साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों से दिल्ली आने-जाने के लिए भी रूटों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसको लेकर दिल्ली सरकार और राज्य सरकार के बीच मंथन चल रहा है. पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर से दिल्ली आने-जाने के लिए पर्याप्त लग्जरी बसों का परिचालन किया जाएगा.

इन जिलों के लोगों को मिलेगी सुविधा

झारखंड के रांची, देवघर, धनबाद, जमशेदपुर, रामगढ़, बोकारो सहित एक दर्जन जिला, उत्तर प्रदेश के आगरा, इलाहाबाद, बलिया, देवरिया, लखनऊ, वाराणसी, महाराजगंज, गोरखपुर, गाजियाबाद, कानपुर सहित 15 जिला और पश्चिम बंगाल में मालदह बांकुड़ा, वीरभूम, मुर्शिदाबाद, वर्धमान, पश्चिमी वर्धमान, कोलकाता, दार्जिलिंग, हावड़ा, हुगली सहित 13 जिले के लिए बसें चलेंगी.

534 प्रखंड एक-दूसरे से जुड़ेंगे, 500 एसी बसें चलेंगी

38 जिलों के 534 प्रखंडों में लोगों को आने-जाने के लिए भी बस परिवहन की पर्याप्त सुविधा मिलेगी. इसके लिए 5467 अंतरक्षेत्रीय मार्गों को चिह्निति किया गया है. इन मार्गों पर 2000 से अधिक बसें चलेंगी. इनमें 500 से अधिक एसी बसें होंगी.

बता दें कि बिहार के ट्रांसपोर्टर बसों की संख्या बढ़ाने के लिए तैयार हैं. जिलों में बस की डिमांड है. परमिट मिलने पर विभिन्न जिलों के लिए 1000 से अधिक बसों का संचालन किया जाएगा. विभाग द्वारा ट्रांसपोर्टरों को सब्सिडी भी मिलनी चाहिए.

दिल्ली के लिए भी 10 मार्गों पर 5 बसें चलाने की तैयारी

प्रदेश के विभिन्न जिला से दिल्ली आने-जाने के लिए रूटों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसको लेकर दिल्ली सरकार और राज्य सरकार के बीच मथन चल रहा है. पटना, गया, मुजफ्फपुर और भागलपुर से दिल्ली आने-जाने के लिए पर्याप्त लग्जरी बसों का परिचालन किया जाएगा. करीब दस मार्गों पर बस परिचालन किया जा सकता है, इन मार्गों पर करीब पांच लग्जरी बसों का परिचालन किया जाएगा.

जरूरत के हिसाब से बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी

झारखंड: रांची, देवघर, धनबाद, जमशेदपुर, रामगढ़, बोकारो समेत एक दर्जन जिले

उत्तर प्रदेश: आगरा, इलाहाबाद, बलिया, देवरिया, लखनऊ, वाराणसी, महाराजगंज, गोरखपुर, गाजियाबाद, कानपुर समेत 15 जिले जुड़ेंगे

पश्चिम बंगाल: कोलकाता, दार्जिलिंग, हावड़ा, हुगली, मालदह, बांकुड़ा, बीरभूम, मुर्शिदाबाद, वर्धमान, पश्चिमी वर्धमान समेत 13 जिले

छत्तीसगढ़: रायगढ़, रायपुर, बिलासपुर

ओडिशा: जांजगीर-चांपा, बलरामपुर, बीजापुर समेत एक दर्जन जिले जुड़ेंगे

1200 बसों का किया जा रहा परिचालन

पटना सहित प्रदेश के विभिन्न जिलो से परिवहन निगम के द्वारा 1200 बसों का परिचालन किया जा रहा है. सभी बसें पीपीपी मोड पर चल रही है. इन बसों का किराया परिवहन विभाग के द्वारा निर्धारित किया गया है. सफर करने वाले यात्रियों से अधिक किराया वसूलने का झंझट नहीं है. करीब 1000 और पीपीपी मोड पर बस बढ़ाने की कवायद जारी है. बढ़ने के बाद निगम के पास करीब 2200 बसें हो जाएगी.

लोगों को पर्याप्त बस की सुविधा मिलेगी

बिहार के लोगों को देश के पांच राज्यों में आने-जाने के लिए पर्याप्त बस परिवहन सुविधा मिलेगी. इसके लिए झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल मिलाकर 400 रूट पर बस परिचालन के लिए अंतरर्राज्यीय परिवहन समझौता भी हुआ है. 

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