गया: भारत-भूटान युवा मैत्री शिविर (IBYFC) 2025 का आयोजन 10 से 18 सितंबर तक गया स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में आयोजित किया जा रहा है। भारत में पहली बार यह शिविर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की पहल है, जिसका उद्देश्य भारत और भूटान के बीच स्थायी संबंधों को और मजबूत करना है। इस दस दिवसीय शिविर में भारत और भूटान से आए कुल 150 कैडेट शामिल हो रहे हैं, जिनमें से 60 कैडेट भूटान से और लगभग 60 कैडेट भारत के विभिन्न हिस्सों से आए हैं। शिविर का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति जागरूकता और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में युवाओं को जोड़ना और साझा विरासत एवं संस्कृति की गहरी समझ विकसित करना है।
12 सितंबर को आयोजित उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि भूटान के राजदूत मेजर जनरल वेत्सोप नामग्याल हैं। वहीं 16 सितंबर को होने वाले समापन समारोह के दौरान बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजदू रहेंगे। शिविर के दौरान कैडेटों द्वारा आपदा प्रबंधन पर संयुक्त अभ्यास, प्रकृति संरक्षण गतिविधियाँ, जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों पर चर्चा, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए संगोष्ठी और प्रस्तुति जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गई। इसके अलावा कैडेट बोधगया और गया के बौद्ध धार्मिक स्थलों का भ्रमण करेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे।
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इस अवसर पर सेना, जिला प्रशासन, नालंदा विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय और बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक एवं विरासत के विद्वान भी मौजूद रहेंगे। विदुषी कविता द्विवेदी द्वारा भगवान बुद्ध की जीवन यात्रा पर आधारित ओडिसी नृत्य प्रस्तुति भी विशेष आकर्षण की गई। भारत और भूटान सदियों से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से जुड़े हुए हैं। आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध और भी मधुर होंगे। जहां भारत की सीमाएं समाप्त होती हैं, वहां से भूटान की शुरुआत होती है, लेकिन दोनों को अलग करना कठिन है। दोनों देशों की एकता और मित्रता आने वाली पीढ़ियों को दिशा देगी और यह शिविर इसी उद्देश्य की ओर एक मजबूत कदम है।
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गया जी से मनीष कुमार की रिपोर्ट