चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण शुक्रवार को श्रीहरिकोटा से किया गया. इसको लेकर पूरे देश में खुशी और उत्साह है. रांची के HEC में अधिकारियों से लेकर कर्मचारी भी सफल प्रक्षेपण से खुश हैं. लेकिन विडंबना ये है कि HEC के कर्मचारियों को 17 माह से वेतन नहीं मिला है. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे HEC के कर्मचारियों ने देशहित को सर्वोपरि माना और बिना वेतन के काम करके चंद्रयान-3 के जटिलतम उपकरणों का निर्माण किया और समय पर उसकी आपूर्ति भी की.
HEC केंद्र सरकार के अधीन है
HEC केंद्र सरकार का उपक्रम है और भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन है. आलम ये है कि HEC के पास कार्यशील पूंजी की कमी करीब दो साल से है. यहां काम कर रहे अधिकारियों और कामगीरों को वेतन नहीं मिला है. वेतन की मांग के लिए यहां के कामगार लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
अभाव में होता रहा काम
प्लांटों में उत्पादन भी ठप हुआ, लेकिन इस दौरान भी इसरो के चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को काम करने से मना नहीं किया. कामगारों का कहना था कि हम देशहित से कभी समझौता नहीं कर सकते. चंद्रयान-3 राष्ट्र के गौरव से जुड़ा है इसलिए खाली पेट रह कर भी इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करेंगे. चंद्रयान-3 से जुड़े सभी उपकरणों की आपूर्ति HEC के कामगीरों ने दिसंबर 2022 में ही कर दी थी.