आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले मास्टरस्ट्रोक खेल ही दिया. ऐसा मेरा कहना नहीं है बल्कि जिस तरह से इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गतिविधियां हैं और जिस तरह के फैसले एक के बाद एक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लिए जा रहे हैं, उसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि चुनाव से पहले सीएम नीतीश ने मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है. क्या कुछ पूरा मामला है हम आपको विस्तार से बताते हैं.......
बिहार के गरीब परिवारों को तोहफा
दरअसल, बिहार में बेरोजगारी एक अहम और बड़ा मुद्दा है. ऐसे में हाल ही में बीपीएससी के माध्यम से लाखों शिक्षकों को सरकारी नौकरी दी गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ही नए शिक्षकों के नियुक्ति पत्र दिया. इसके बाद नियोजित शिक्षकों के लिए भी बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने का ऐलान किया. हालांकि, शर्त रखी गई है कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी तब ही उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. इन तमाम फैसलों के बीच एक और बड़ा ऐलान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक के बाद किया. ऐसा कहा जा सकता है कि, बिहार के गरीब परिवारों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया.
बिहार मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
नीतीश कुमार के ऐलान के मुताबिक, बिहार में गरीब परिवारों को रोजगार के लिए सरकार दो-दो लाख रुपए देगी. ये राशि तीन किश्तों में लाभुकों को दिया जाएगा. बिहार मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दे दी. बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने पत्रकारों को बताया कि, उद्योग विभाग के अन्तर्गत राज्य के विभिन्न वर्गों के गरीब परिवारों के आर्थिक विकास के लिए बिहार लघु उद्यमी योजना की स्वीकृति दी गई. आपको याद दिला दें कि, बीते दिनों बिहार में जातीय जनगणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि राज्य में चिह्नित 94 लाख से भी ज्यादा गरीब परिवारों को राज्य सरकार द्वारा दो-दो लाख रुपये लघु उद्योग के लिए दिए जाएंगे.
अपर मुख्य सचिव ने दी जानकारी
राज्य सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए मंत्रिमंडल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि, बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत राज्य सरकार गरीब परिवारों को दो-दो लाख लाख रुपए देगी. राज्य सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित कर दी है और 62 ऐसे उद्योग को भी चिह्नित किया है, जिसके लिए यह पैसे दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि, ये राशि लाभुकों को तीन किश्तों में दी जाएगी. पहले साल 25 फीसदी, दूसरे साल 50 फीसदी और तीसरे साल 25 फीसदी राशि देय होगी. ये योजना पांच वर्षों के लिए लागू की गई है. वर्ष 2023-24 में 250 करोड़ रुपए, 2024-25 में सांकेतिक रूप से 1,000 करोड़ रुपए, कुल 1,250 करोड़ की राशि पर प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि बैठक में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अन्तर्गत बिहार निवास, नई दिल्ली के पुनर्विकास कार्य के लिए भवन निर्माण विभाग द्वारा समर्पित प्राक्कलन के तहत 121.83 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के तहत मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के माध्यम से गुर्दा रोग के अंतर्गत गुर्दा प्रत्यारोपण का सफल चिकित्सोपरांत प्रत्येक मरीज के लिए नियमित दवा के लिए प्रथम वर्ष के लिए छह-छह माह पर दो किश्तों में कुल राशि 2,16,000 रुपए के चिकित्सीय अनुदान की स्वीकृति दी गई है.
सीएम नीतीश का मास्टरस्ट्रोक !
इस बीच चर्चा यह है कि, गरीब परिवारों को राशि की पहली किश्त लोकसभा चुनाव से पहले ही दे दी जाएगी. जिसको लेकर लगातार गहमागहमी बनी हुई है. इस फैसले के बाद लागातार ऐसा कहा जा रहा कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है. इस फैसले के जरिये एक बड़े समुदाय के लोगों को साधने की कोशिश की गई है. इस फैसले से एक बड़े वोट बैंक का पक्ष सीएम नीतीश कुमार को मिल सकता है. बता दें कि, लोकसभा चुनाव में अब से कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. जिसको लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां हर तरह के हथकंडे अपना रही है जनता को लुभाने के लिए. कई तरह की नई-नई योजनाएं लाई जा रही है तो वहीं बड़ी-बड़ी रैलियों के जरिये सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और कई तरह के वादे किए जा रहे हैं. जिसके बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भी जनता को लुभाने के लिए फैसला लेने को लेकर चर्चा तेज है.