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MP के खेल अकादमी में बिहार के खिलाड़ियों के लिए 20 प्रतिशत सीटें होंगी आरक्षित, बिहार में भी होगा अभूतपूर्व...

बिहार और मध्य प्रदेश के बीच खेल अवसंरचना,खेल सुविधा और ज्ञान साझा करने में बनी आपसी सहमति। बिहार की खेल प्रतिभा खोज योजना 'मशाल' को मध्यप्रदेश भी लामू करेगा। बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तथा खेल मंत्री..

20 percent of the seats in Madhya Pradesh's sports academy w
MP के खेल अकादमी में बिहार के खिलाड़ियों के लिए 20 प्रतिशत सीटें होंगी आरक्षित, बिहार में भी होगा अभू- फोटो : Darsh News

बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तथा खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंगी से  मुलाकात के बाद बनी आपसी सहमति। बिहार में वाटर स्पोर्ट्स विकसित करने के लिए मध्य प्रदेश करेगा पूरा सहयोग

पटना: बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंगी के साथ खेल के क्षेत्र में दोनों प्रदेशों के बीच आपसी सहयोग के सिलसिले में मुलाकात की। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण, निदेशक हिमांशु सिंह भी विशेषज्ञों के साथ उपस्थित रहे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने सरकारी आवास पर हुई इस मुलाकात में श्रेयसी सिंह का अभिनंदन करते हुए उन्हें खेल के विकास के लिए दोनों राज्यों के बीच परस्पर समन्वय और तालमेल के साथ पूर्ण सहयोग करने के प्रति आश्वस्त किया। 

श्रेयसी सिंह ने मधुबनी साल और बोधि वृक्ष का प्रतीक चिन्ह देकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का अभिनंदन किया तथा मुख्यमंत्री ने राम दरबार की मूर्ति देकर खेल मंत्री श्रेयसी सिंह और प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण का अभिनंदन किया। श्रेयसी सिंह ने अपने प्रतिनिधिमंडल और मध्य प्रदेश के खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंगी के साथ मध्यप्रदेश के खेल निदेशक राजेश गुप्ता और अधिकारियों की टीम की उपस्थिति में खेल के क्षेत्र में आपसी सहयोग के संदर्भ में विस्तार से विमर्श किया। सारंगी ने पूर्ण सहयोग के प्रति आश्वस्त करते हुए बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह को बताया कि मध्य प्रदेश के विभिन्न खेल अकादमी में बिहार के खिलाड़ियों के लिए 20 प्रतिशत स्थान आरक्षित रखा जाएगा। विशेषकर शूटिंग ,तीरंदाजी, बॉक्सिंग, वाटर स्पोर्ट्स आदि में प्रशिक्षण के लिए बिहार के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध रहेगी। 

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इस बात पर भी सहमति बनी कि जब तक जिन खेलों के लिए बिहार में आधारभूत संरचना पूरी तरह विकसित नहीं हो जातीं उन खेलों के लिए बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में स्थित सुविधाओं का लाभ और प्रशिक्षण ले सकेंगे। राज्य में खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए दोनों राज्यों के बीच खेल के आपसी ज्ञान, प्रशिक्षकों और खेल विशेषज्ञों के आपसी आदान प्रदान और दोनों के बीच आपसी समन्वय,तालमेल और सहयोग पर सहमति हुई। 

बातचीत के दौरान सारंगी ने बिहार की महत्वकांक्षी खेल प्रतिभा खोज परियोजना मशाल के क्रियान्वयन और संचालन के बारे में रवीन्द्रण शंकरण से विशेष जानकारी ली और इस योजना से प्रभावित होकर मध्यप्रदेश में भी मशाल योजना को लागू करने का आवश्यक निर्देश अपने अधिकारियों को दिया। मशाल के क्रियान्वयन और सफल संचालन की जानकारी लेने के लिए मध्यप्रदेश के अधिकारियों की एक टीम शीघ्र ही बिहार का दौरा करेगी। इसके पूर्व श्रेयसी सिंह ने बिहार में वाटर स्पोर्ट्स के विकास की सम्भावनाओं और जरूरी अवयवों के अध्ययन के लिए भोपाल के वाटर स्पोर्ट्स के केनोइंग, क्याकिंग और रोइंग अकादमियों का दौरा भी किया। 

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भारतीय केनोइंग एंड क्याकिंग फेडरेशन के अध्यक्ष प्रशांत कुशवाहा ने श्रेयसी सिंह और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का शानदार स्वागत करते हुए बिहार में वाटर स्पोर्ट्स के विकास में फेडरेशन की ओर से हर संभव प्रयास और सहयोग के प्रति आश्वस्त किया। कुशवाहा ने बिहार में वाटर स्पोर्ट्स अकादमी खोलने के लिए उपयुक्त जगहों के सर्वेक्षण के लिए अगले सप्ताह कनाडा के ऑलंपियन और वाटर स्पोर्ट्स के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ को भेजने पर सहमति जताई।

फेडरेशन द्वारा बिहार के वाटर स्पोर्ट्स के प्रशिक्षकों को भी अपने विश्व स्तरीय प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण की सुविधा देने पर भी सहमति बनी। बिहार में वाटर स्पोर्ट्स के लिए अकादमी बनाने, जेटिस के निर्माण से लेकर इस खेल से जुड़े आवश्यक उपकरणों खरीद और आपूर्ति में भी फेडरेशन का पूरा सहयोग रहेगा। बिहार में वाटर स्पोर्ट्स अकादमी के निर्माण से लेकर पहले दो वर्षों तक इसके संचालन और प्रशिक्षण की पूरी जिम्मेदारी भारतीय केनोइंग और क्याकिंग फेडरेशन पूर्ण सहयोग करेगा ताकि बिहार इस खेल विधा में भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर आगे बढ़ सके।

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