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बिहार में इस वजह से साढ़े 3 हजार सिम ब्लॉक

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बिहार में आर्थिक अपराध इकाई(EOU) ने साढ़े तीन हजार संदिग्ध सिम कार्ड ब्लॉक करा दिए हैं. साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए EOU ने यह कदम उठाया है. ये सिम कार्ड ठगी, ऑनलाइन ठगी समेत अन्य अपराध में इस्तेमाल किए गए थे. केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय से विशेष अनुरोध पर सिम कार्ड प्रदाता कंपनियों के जरिए स्थायी तौर पर उन्हें बंद करवाया गया है. आर्थिक अपराध इकाई(EOU) की जांच के दौरान पिछले तीन-चार महीने के दौरान लगभग आठ हजार संदिग्ध सिम कार्ड चिन्हित किए गए, इनमें साढ़े तीन हजार को ब्लॉक करा दिया गया, जबकि अन्य साढ़े 4 हजार को भी ब्लॉक करवाने के लिए केंद्र और संबंधित मोबाइल कंपनियों को लिखा गया है. इसकी प्रक्रिया चल रही है. 

साइबर अपराधी करते थे इस्तेमाल 


ये सभी सिम कार्ड किसी न किसी साइबर अपराध में इस्तेमाल किए गए. इनमें कई मोबाइल नंबरों का उपयोग दूसरे राज्यों में ठगी के गैंग का संचालन करने के लिए किया जाता था. जांच में पता चला कि सिम कार्ड फर्जी नाम और पते पर लिए गए थे. कुछ लोगों की बिना जानकारी के उनके आधार का उपयोग कर सिम कार्ड खरीदे गए थे. दूसरे राज्यों के भी कुछ एक पहचान-पत्र का उपयोग करके सिम खरीदकर साइबर अपराध में इनका इस्तेमाल किया जा रहा था. 

EOU ने सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों और सिम बेचने वाले विक्रेताओं को भी सख्त हिदायत दी गई है कि वे किसी को सिम देने से पहले उनकी आईडी की पूरी पड़ताल कर लें. EOU के ADG नैय्यर हसनैन खान ने कहा कि साढ़े तीन हजार सिम ब्लॉक करवा दिए गए हैं. बाकी को बंद करवाने की प्रक्रिया भी चल रही है. इससे साइबर क्राइम के नेटवर्क को रोकने में मदद मिलेगी.  

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