बिहार में निवेश के लिए कंपनियों को उचित माहौल दिख रहा है. पटना के ज्ञान भवन में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के तहत हो रहे बिहार बिजनेस कनेक्ट में 40 कंपनियों ने राज्य सरकार के साथ समझौता किया है. इन कंपनियों ने एग्रीमेंट किया है कि वे अपनी यूनिट बिहार में लगाएंगे. बिहार सरकार इसको अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है.
26 हजार करोड़ से अधिक का निवेश
बिहार में 40 कंपनियों की यूनिट लगने से राज्य में करीब 26 हजार 805 करोड़ रुपए का निवेश आएगा. बिहार बिजनेस कनेक्ट में कई कंपनियों के चेयरमैन, सीईओ और प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. इस दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत बुधवार को हुई है. गुरुवार को इसके समापन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई कंपनियों के प्रमुख मौजूद रहेंगे.
राज्य सरकार का ध्यान अन्य क्षेत्रों के अलावा खाद्य प्रसंस्करण, चमड़ा, कपड़ा और सूचना प्रौद्योगिकी पर है. यह बात दो दिवसीय इस कार्यक्रम के पहले दिन छनकर बाहर आए हैं. जानकारी के अनुसार, जिन कंपनियों ने बिहार में अपनी यूनिट स्थापित करने की हामी भरी है, उनमें सबसे अधिक संख्या खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों की है. इस सेक्टर की 15 कंपनियों 10 हजार 304 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी.
वहीं वस्त्र एवं चमड़ा उद्योग की 8 कंपनियों ने 554 करोड़ रुपए के निवेश का करार किया है. जबकि उत्पादन एवं निर्माण (सामान्य उत्पादन) की 14 कंपनियों ने 15 हजार 570 करोड़ और आईटी सेक्टर की तीन कंपनी ने 377 करोड़ रुपये निवेश पर हस्ताक्षर किए हैं.
शिखर सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर पहले सत्र में कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों पर चर्चा की गई। इस दौरान 554 करोड़ रुपये के निवेश के लिए आठ प्रमुख कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
सावी लेदर्स ने 274 करोड़ रुपये, कोमल टेक्सफैब ने 100.5 करोड़ रुपये, मां प्रभावती टेक्सटाइल मिल्स ने 94 करोड़ रुपये, कॉसमस लाइफस्टाइल प्राइवेट लिमिटेड ने 52 करोड़ रुपये और भारती एक्ज़िम प्राइवेट लिमिटेड ने 15 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया है.
दो दिवसीय इस कार्यक्रम के पहले दिन 554 करोड़ रुपये निवेश के लिए कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए. दो दिवसीय वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023’ के उद्घाटन सत्र में उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने केंद्र से राज्य में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के निर्माण की मांग दोहराई. उन्होंने यहां पहुंचे प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि नीतीश कुमार सरकार उन्हें उद्योग स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि नई नीतियों के साथ बिहार बदल गया है. नए बिहार से जुड़ें और इसे समृद्ध करें. यदि राज्य में उद्योग बढ़ेंगे तो देश भी प्रगति करेगा. उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि राज्य में कम से कम चार एसईजेड बनाए जाएं. उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने उद्यमियों को कहा कि बिहार से जुड़कर देखिए, यह पूरे देश में बेहतर है. विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने उद्यमियों को एडवांटेज बिहार की बातें समझाईं.
इस अवसर पर नाहर ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के कमल ओसवाल ने कहा कि हमारा समूह जल्द ही पटना में एक लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण करेगा. मोंटे कार्लो ब्रांड की वस्तुओं का उत्पादन अब बिहार में शुरू होगा. हमारी कंपनी पंजाब और राजस्थान में उद्योग संचालित करती है और हमारी लगभग 25,000 लोग काम करते हैं, जिनमें से लगभग 40 प्रतिशत बिहार से हैं.
निवेशक सम्मेलन में आए उद्योगपतियों ने बिहार की सराहना भी की है, अनुकूल माहौल और बेहतर प्रशासनिक सहयोग के कारण निवेश की इच्छा जताई है. यहां के लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक क्षेत्र और प्लग एंड प्ले जैसी सुविधाओं ने इन्हें लुभाया है. इनकी इच्छा शक्ति को देखते हुए जल्द ही बिहार में कई बड़े और नामचीन ब्रांड के कपड़े और अन्य उत्पादों को तैयार करने की इकाइयां शुरू हो सकती हैं.
बिहार में पलायन एक बड़ा मुद्दा शुरू से रहा है और ऐसे में सीएम नीतीश कुमार के साथ ही उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी इसे लेकर एक्टिव नजर आ रहे हैं. तेजस्वी यादव ने पहले ही बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में ये ऐलान किया था कि जब सत्ता में आएंगे तो 10 हजार लोगों को रोजगार देंगे......अब लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक है ऐसे में नीतीश-तेजस्वी बहुत ज्यादा सक्रिय हो गए हैं......और बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए Investors Summit करा रहे हैं. बिहार के लोगों को अगर अपने राज्य में रोजगार मिल जाएगा तो इससे बेहतर और कुछ नहीं है....हालांकि अब देखना है कि बिहार में कितना बदलाव आता है.