बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी और पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर समेत 7 अफसरों को दिल्ली तलब किया गया है. इन सभी को 21 सितम्बर को लोकसभा के विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश होना है. बता दें कि, राजधानी पटना में विधानसभा मार्च के दौरान जमकर बवाल हुआ था. भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां चटकाई थी. जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई और कई लोग घायल हो गए. जिसके बाद इस मामले में लोकसभा सचिवालय ने एक्शन लेते हुए डीजीपी आरएस भट्टी और पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर समेत 7 अफसरों के लिए आदेश जारी कर दिया है.
बता दें कि, डीजीपी आरएस भट्टी और पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर के अलावे पटना एसएसपी राजीव मिश्रा, वैभव शर्मा, पटना एएसपी काम्या मिश्रा, पटना पुलिस उपाधीक्षक और अनुमंडल पदाधिकारी खांडेकर श्रीकांत कुंडलिक शामिल हैं. इन सभी अफसरों को लाठीचार्ज मामले को लेकर जवाब देना होगा. पूरे मामले के बारें में बता दें तो, राजधानी पटना में 13 जुलाई को विधानसभा मार्च किया गया था. इस दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ बेकाबू होने के कारण पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किये गए थे. उस दिन पटना के डाकबंगला चौराहा पर भाजपा नेताओं के ऊपर वाटर कैनन से पानी का बौछार और लाठीचार्ज किया गया था. इसमें महाराजगंज के सांसद जर्नादन सिंह सिग्रिवाल को गंभीर चोट आई थी.
इसके बाद घटना के बाद इसकी जांच के लिए सुनीता दुग्गल, विष्णु दयाल राम, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और सांसद मनोज तिवारी की चार सदस्यीय केंद्रीय जांच टीम पटना आई थी. टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. साथ ही आसपास के लोगों से भी पूछताछ कर रिपोर्ट भेज दिया. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि को पुलिस ने जानबूझ कर कमर के ऊपर और खासकर सिर, गर्दन पर लाठियां बरसाई. इतना ही नहीं, जांच टीम ने यह भी बताया कि, पुलिस ने पहले ही यह मंशा बना ली थी कि भाजपा के इस शांतिपूर्ण मार्च के दौरान नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उन्हें घेरकर पीटना है. जिसके बाद अब सभी 7 अफसरों को दिल्ली तलब किया गया है.