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बिहार के इस यूनिवर्सिटी में स्रातक की 9 हजार सीटें खाली, क्यों दिल्‍ली-वाराणसी चले जा रहे छात्र?

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लंबे संघर्ष के बाद सन 2018 में बिहार के पूर्णिया और आसपास के 4 जिलों को पूर्णिया में विश्वविद्यालय मिला और स्थापना होने के साथ ही यह विवादों के घेरे में चला गया. विश्‍वविद्यालय अपना पांचवा साल पूरा करने जा रहा है लेकिन समस्या बढ़ती ही जा रही है. यह समस्या है उन छात्रों की, जिन्हें पढ़ाई करने के लिए सही कोर्स नहीं मिल पा रहा है. आज के समय में रोजगारपरक शिक्षा सभी को चाहिए. मानविकी संकायों के विषयों में नामांकन कम होते हैं. यह स्थिति पूरे बिहार की है.

हालात यह है कि बिहार के पूर्णिया विश्वविद्यालय में सीबीसीएस सिस्टम के तहत 4 वर्षीय स्नातक कोर्स में नामांकन के समाप्त होने के बाद 9 हजार सीटों पर नामांकन नहीं हो पाया है. जबकि 27 हजार से अधिक छात्र नामांकन से वंचित हो गए. पूर्णिया यूनिवर्सिटी में स्नातक की 46,891 सीटों में से लगभग 37 हजार सीटों पर ही नामांकन हो पाया. जबकि विश्वविद्यालय को 64,200 आवेदन मिले थे. बिहार के मेधावी छात्र राज्य से बाहर चले जाते हैं. इस वजह से सीटें खाली रह जाती हैं......बिहार के छात्र दिल्‍ली विश्वविद्यालय, बीएचयू, उत्तर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों सहित दूसरे राज्यों में पढ़ने जाते हैं. विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी भी इसका एक बड़ा कारण है.

बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन के आंकड़ों को देखें तो बीए में मानविकी संकाय के विषयों में सीटें ज्यादा खाली हैं. विज्ञान विषय की सीटें अपेक्षाकृत कम खाली हैं. कुछ ऐसे विषय हैं, जिसे छात्र पसंद नहीं कर रहे हैं. पाली, प्राकृत, पर्सियन, संस्कृत, बंगाला, मगही, उर्दू, मैथिली, हिन्दी और अंग्रेजी विषयों में ज्यादा नामांकन नहीं है.

विश्वविद्यालय में नामांकन कम होने के कई कारण हैं. मानविकी संकायों के विषयों में नामांकन कम होते हैं. यह स्थिति पूरे बिहार की है. संस्कृत, उर्दू, बांग्ला, मैथिली, पाली, हिन्दी, पर्सियन सहित सामाजिक विज्ञान के कुछ विषयों के प्रति छात्रों में कम रुझान है. विश्वविद्यालयों से काफी निजी कॉलेजों का संबंधन हो गया है. सीटें भरना संभव नहीं है. आज के समय में रोजगारपरक शिक्षा सभी को चाहिए. वोकेशनल कोर्सों के प्रति छात्रों का रुझान बढ़ा है.

इस बाबत डीएसडब्ल्यू के एक प्रोफेसर ने बताया कि आर्ट्स और साइंस की लगभग सभी सीटों पर नामांकन हो चुका है. कॉमर्स विषय में अभी भी सीटें रिक्त रह गई है. कॉमर्स विषय में पूर्णिया विश्वविद्यालय के अधीनस्थ कॉलेजों में कुल 6889 सीटें निर्धारित हैं. साइंस विषय में 7486 सीट और आर्ट्स विषय में नामांकन के लिए निर्धारित 33,000 सीटें हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष स्नातक की लगभग 14 हजार सीटें खाली रह गई थीं. इन सीटों पर छात्र-छात्राओं का नामांकन नहीं हो पाया था. इस बार नौ हजार से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं.

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