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बीपीएससी 70वी. अभ्यर्थी सोनू आत्महत्या के जिम्मेवार मोदी-नीतीश सरकार:आइसा

AISA on BPSC students

पालीगंज से भाकपा-माले विधायक संदीप सौरभ सहित आइसा के तीन सदस्यीय टीम राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, सचिव सबीर कुमार व आइसा सदस्य ऋषि कुमार ने बीपीएससी अभ्यर्थी मृतक सोनू कुमार के पैतृक गांव पड़ेयाचक चकियापुर पहुंच कर उनके परिवार व समाज के लोगों के साथ शोक संवेदना व्यक्त किए। विधायक संदीप सौरभ व राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि मोदी-नीतीश सरकार के गलत नीतिया और तानाशाही रवैए ने लिया सोनू का जान. उनके परिवार में दो बहन जिनकी शिक्षा से लेकर सरकारी नौकरी देने तक की गांरटी नीतीश सरकार को लेनी पड़ेगी। बिहार में दिखावे के लिए कुछ वैकेंसी आती तो है, लेकिन वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ बेरोजगार युवा आवाज उठाते हैं तो ये डबल इंजन की सरकार बलपूर्वक उनका दमन कर देती हैं। जिसको लेकर ये युवा अब हताश और निराश होकर आत्महत्या कर लेते है. बिहार लोक सेवा आयोग की 70वी. प्रीलिम्स परीक्षा में लापरवाही और भ्रष्टाचार के कई साक्ष्य सार्वजनिक तौर पर सामने है. उसका एक उदाहरण बाबू सभागार में ली गई परीक्षा को रद्द करना पड़ा। न्याय व परीक्षा में पारदर्शिता लाने के साथ बीपीएससी 70 वी. परीक्षा रद्द करने की लड़ाई जारी रहेगा. आज एक सोनू ने आत्महत्या कर तानाशाह सरकार को उनकी निकम्मी सोच व विफलता का उजागर किया है. ऐसे स्थिति में हफ्तों भर से अनशन पर बैठे कई अभ्यर्थीयों की नाजुक स्थिति है. इनके तमाम सवालों पर लाठीडंडे की सरकार चुप्पी साधे असंवेदनशील बनी हुई है। सरकार को बीपीएससी 70 वी. परीक्षा को रद्द करनी होगी. ताकि आने वाले दिनों में दूसरा सोनू बीपीएससी अधिकारी बन कर अपने परिवार और समाज के लिए एक उम्मीद को जिंदा कर सके।आगे उन्होंने कहा,जब पूरे देश और दुनिया में क्रिसमस का जश्न मनाया जा रहा था तब बिहार में भाजपा - जदयू की डबल इंजन सरकार बिहार के छात्र नौजवानों पर लाठियां बरसा रही थी। ये स्टूडेंट्स पटना के गर्दनीबाग में BPSC की 70th CCE प्री परीक्षा में हुए पेपर लीक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। ठीक इसी दिन डबल इंजन सरकार की भ्रष्ट नीतियों ने पटना के पालीगंज के एक स्टूडेंट की जान ले ली। 25 साल का युवा सोनू कुमार, एक BPSC अभ्यर्थी था जो सत्ताजनित अवसाद का शिकार होकर आत्महत्या कर लिया। नितीश- मोदी की सरकार जो बिहार में सुशासन के बड़े बड़े दावे करती है, वो नाकामी और तानाशाही की सारी सीमाओं को पार करती जा रही है। आज बिहार में सरकार एक परीक्षा सुचारु रूप से करा पाने में समर्थ नहीं है। वहीं अपनी मांगों को लोकतांत्रिक ढंग से रखने वाले युवाओं को आये दिन बर्बर पुलिसिया दमन का शिकार बनाया जा रहा है। अभी इसी महीने BPSC की इसी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज किया गया था। बिहार इस वक्त शिक्षा और परीक्षा माफियाओं के गिरफ़्त में है। समय पर डिग्री न मिलना, कॉलेज में शिक्षक न होना, परीक्षा में धांधली, पैसे पर बिकती नौकरी और डिग्री बिहार में आम चलन बनता जा रहा है। नितीश कुमार की सरकार शिक्षा रोजगार या कोई भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा पाने में विफल साबित हुई है। सरकार इन माफियाओं पर लगाम लागाने और शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की बजाय युवाओं पर लाठियां चलवा रही है। आइसा छात्र- युवाओं के इस आंदोलन के साथ खड़ा है। हम बिहार सरकार की इस हिंसात्मक कार्रवाई का कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं। बेहतर शिक्षा और पारदर्शी व्यवस्था हर नागरिक का अधिकार है और इसे सुनिश्चित कराना सरकार की जिम्मेदारी है। सोनू कुमार की आत्महत्या, बिहार की डबल इंजन सरकार पर धब्बा है। यह एक सांस्थानिक हत्त्या है। हम सोनू के परिवार के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। साथ ही सरकार से यह माँग करते हैं कि सोनू के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। वहीं आंदोलनरत छात्र युवाओं पर लाठी चलाने वाले पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए।गुरुवार को भाकपा माले विधायक डॉ. संदीप सौरभ, आइसा बिहार राज्य सचिव सबीर और राज्य अध्यक्ष प्रीति के नेतृत्व में आइसा की एक टीम पटना जिले के पालीगंज के वडियाचक निवासी प्रतियोगी छात्र सोनू के घर जा कर मिला और सरकार के समक्ष मांगो को उठाने का आश्वासन दिया! आइसा इस पुलिसिया दमन एवं BPSC की लापरवाही से सोनू की सांस्थानिक हत्या के खिलाफ 27- 28 दिसंबर को बिहार भर में दो दिवसीय राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस आयोजित करने का फैसला किया है। जिसमें छात्र युवाओं से इस निरंकुश शासन के खिलाफ शामिल होने की अपील की है।



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