Sports Desk : आकाश दीप भारतीय क्रिकेट टीम ( Akash Deep Indian Cricket Team ) के एक उभरते हुए तेज़ गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने सीमित अवसरों में अच्छा प्रदर्शन किया है। वह अपनी स्विंग और सटीकता के लिए जाने जाते हैं, खासकर उनकी गेंदबाजी ( bowling ) में तेजी और नियंत्रण का संतुलन। आकाश दीप ने भारतीय टीम ( Indian team ) में सीमित ओवरों की क्रिकेट में एक अच्छा प्रभाव डाला है, और उनकी गेंदबाजी में विविधता भी है, जो उन्हें विपक्षी बल्लेबाजों के लिए एक चुनौतीपूर्ण गेंदबाज बनाती है।
आकाश दीप का करियर मुख्य रूप से भारत की घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं, जैसे रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में रहा है, जहां उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और विकेटों की संख्या से चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। वह भारतीय टीम में एक खास तरह के गेंदबाज के रूप में उभर रहे हैं, जिनमें तेज गति और गेंद स्विंग करने की क्षमता है।हालांकि, उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अभी शुरुआती दौर में है, उन्होंने सीमित ओवरों की क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट में कुछ मौके पाए हैं। भारत के युवा तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप ने 5 जुलाई 2025 को एजबैस्टन (बर्मिंघम) में खेले गए दूसरे टेस्ट के चौथे दिन इंग्लैंड के अनुभवी बल्लेबाज़ जो रूट को बोल्ड कर सभी को चौंका दिया।
यह हुआ था मैच की दूसरी पारी में, दिन के अंतिम सत्र में, जब इंग्लैंड का स्कोर लगभग 50/3 था। आकाश ने अपनी गति और स्विंग का जबरदस्त इस्तेमाल करते हुए रूट का ऑफ़ स्टंप उतार दिया – ट्विटर पर भी इसे “ball of the series” की तरह सराहा गया। भारत के महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर ने भी स्टार गेंद को “ball of the series” कहा और आकाश को “standout bowler” बताया।
हालांकि उस गेंद को लेकर विवाद भी हुआ...
कुछ ने कहा कि आकाश का बेकफुट रिटर्न क्रीज़ को स्पर्श कर गया और इसे नो-बॉल होना चाहिए था । लेकिन फुटेज और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की जांच के बाद मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने स्पष्ट कहा कि गेंद वैध थी। क्योंकि बेकफुट का जो पहला ग्राउंड कॉन्टैक्ट था, वह रिटर्न क्रीज़ के अंदर था ।
आखिर में, यही विकेट टेस्ट का टर्निंग पॉइंट बन गया...
इंग्लैंड 72/3 पर सिमट गया और अगले दिन पूरी तरह ढेर हो गया, भारत ने 336 रन से शानदार जीत दर्ज की और श्रृंखला बराबरी पर ला दी । आकाश दीप की स्विंग और सटीकता ने जो रूट जैसे बल्लेबाज़ को बोल्ड किया, जिसने अगले दिन टेस्ट मैच भारत के पक्ष में मोड़ दिया। कानून की दृष्टि से यह निर्णय पूरी तरह सही था और इस गेंद को “ball of the series” का टैग मिला।