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समान नई, पर दोस्ती पुरानी ही अच्छी लगती है, 30 साल बाद पटना में मिले दोस्तों को हुई अनुभूति..

After 30 years, old friends met with their wives and childre

Patna - कहते हैं कि पुराने यादें हर किसी को अच्छी लगती है, और दिल को सुकून देती  है और जब पुरानी यादों को तरोताजा करने के लिए पुराने मित्र परिवार के संग मिले तो फिर बात कहना है क्या, खुशियां कई गुना बढ़ जाती है. ऐसे ही कुछ अनुभूति हुई जी डी पाटलीपुत्र हाई स्कूल के 94 बैच के छात्रों के अल्यूमिनाई मीट में, जहां पुराने छात्र अपने बीवी और बच्चों के साथ संग संग मिले और खूब मस्ती की.

पटना के एक रिसोर्ट मे आयोजित  Patliputrinas 94 के इस कार्यक्रम मे जीटी पाटलिपुत्र हाई स्कूल के करीब डेढ़ सौ से ज्यादा  पूर्ववर्ती छात्र अपने परिवार के संग जुटे.  इसमें कई ऐसे चेहरे दिखे तो जो पहली बार अपने परिवार के साथ शामिल हुए.

इस कार्यक्रम की शुरुवात 30 साल पहले स्कूल के मैदान मे की जाने वाली उस प्रार्थना से की गई,जो सभी छात्र अपने शिक्षक के साथ करते थे, पर यहां पत्नी और बच्चे के साथ प्रार्थना का गायन किया.कार्यक्रम के दौरान सभी दोस्तों ने खूब मस्ती किये. मंच का संचालन अजय झा और कुणाल ने किया. अपनी पत्नी के साथ मंच पर आये दोस्तों ने पुरानी यादो को साझा किया. आयोजन के अध्यक्ष अंजनी सिन्हा और कोषाध्यक्ष अभिषेक सोनू ने सभी दोस्तों का स्वागत किया.

कई साल गुजर जाने के बाद सभी एक-दूसरे से मिलकर यह सभी दोस्त भावुक हो गए. उसके बाद छात्र जीवन की यादों को ताजा करने का सिलसिला शुरू हो गया. महिलाओ और बच्चों ने भी खूब मस्ती की. कार्यक्रम शामिल एक मित्र ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि बदलते परिवेश में नई-नई सामान भले ही अच्छे लगते हो, लेकिन दोस्ती तो पुरानी ही अच्छी लगती है. 30  साल पहले जो रोज मिलते थे स्कूल के पिंजड़े मे वो आज मानो आसमान मे मिल रहे हैं आज ना तो क्लास छूटने की चिंता है और न ही टिफिन की लड़ाई,. समय के साथ नए दोस्त बनते गए लेकिन स्कूल वाले दोस्त की बात ही कुछ और है, यही वजह है कि सालों मिलने के बाद भी चेहरे में बदलाव होने के बावजूद हमलोग एक दूसरे को पहचानने में थोड़ी भी देर नहीं लगाई.हम सभी दोस्त यहां आकर फिर से वही पुराने दिनों मे खो गए हैं.

इस समारोह में मुख्य रूप से आज के कई नामचीन हस्ती भी शामिल हुए. इनमें जेडीयू के महासचिव छोटू सिंह, डॉ ब्रजेश, करन देव, मधुरेश,गौरव, अमिताभ ओझा, रंजीत, नीलेश, आशुतोष, राकेश, सहित सभी साथियो ने पुराने दिनों के संस्मरण सुनाये. सभी ने साथ प्रण लिया कि चाहे परिस्थिति कैसी भी हो हर दोस्त साथ रहेंगे. कार्यक्रम देर रात तक चला.इस दौरान स्वादिष्ट भोजन का आनंद सभी दोस्तों ने अपने परिवार और बच्चों के साथ मिलजुल कर लिया और फिर से मिलने का वादा करके अपने-अपने घर विदा हुए

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