Supaul:- आमतौर पर सास बहू की आपसी सम्बन्ध की चर्चा विवादों की वजह से होती रहती है, पर बिहार के सुपौल जिले की एक साथ अलग वजह से सुर्खियों में है और उनके अपने नव नवेली बहू के प्रति किए गए काम की हर तरफ तारीफ हो रही है.
यह मामला सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड से जुड़ी है. यहां के कटहरा निवासी कविता देवी के बेटे की शादी 14 मई 2025 को सोहटा गांव निवासी अरविंद सरदार की पुत्री नीतू कुमारी से हुई थी. शादी के बाद नीतू 15 में को अपने पति के साथ ससुराल आई.नीतू अपने मां पिता के घर आठवीं क्लास तक की पढ़ पाई थी और शादी के बाद ससुराल में अपनी सास कविता से पढ़ाई जारी रखने की इच्छा जताई. बहू की शिक्षा के जाहिर करने के बाद घर में कई तरह की चर्चाएं होने लगी, लेकिन कविता देवी ने अपनी बहू की इच्छा का सम्मान करते हुए उसे पढ़ाने का संकल्प लिया. फिर शादी के चार दिन बाद उसे लेकर गांव के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय कटहरा खतबे टोला स्कूल पहुंची. सोमवार 19 मई को एक सास ने अपनी नई नवेली बहू का 9वीं कक्षा में दाखिला कराया. स्कूल के शिक्षक और प्रधानाध्यापक में बहू की पढ़ने की इच्छा और सास के पहल की तारीफ की.
मिली जानकारी के अनुसार बहू को लेकर जब सास स्कूल पहुंची तो शिक्षिका ने पूछा कि आप लेकर आई हैं तो आसपास के और घर के लोगों ने रोका नहीं कि बहू को मत पढ़ाइए? और कब तक पढ़ाइएगा इसको? इस सवाल पर सास ने कहा कि किसी ने नहीं रोका, और किसी के रोकने से भी वह नहीं रूकती. Meri बहू जब तक पढ़ेना चाहेगी तब तक पढ़ाएंगे.
सास बहू के इस जवाब से उत्साहित विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमेश कुमार ने कहा, अब महिलाएं खुद शिक्षा की ओर पहल कर रही हैं और यह सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है. उन्होंने सास की इस पहल की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के प्रति बदलती सोच का संकेत बताया.वहीं गांव के अधिकांश लोगों ने माना कि सास की यह पहल न केवल एक परिवार में बदलाव की शुरुआत है, बल्कि पूरे समाज को शिक्षा के प्रति प्रेरणा देने वाली है.