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दहेज के कारण टूटी शादी, तो नव विवाहिता खुद को अपने मां-बाप के लिए समझने लगी बोझ और फिर..

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Saharsa - बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और उनके अभियान की हर जगह तारीफ हो पर हकीकत में दहेज प्रथा अभी भी बिहार में अभिशाप बना हुआ है और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है, दहेज की मांग पूरा नहीं होने पर या तो ससुराल वाले विवाहिता की हत्या कर दे रहे हैं या फिर प्रताड़ना से  से तंग आकर विवाहिता आत्मघाती कदम उठा रही है, ऐसा ही एक मामला सहरसा जिला में सामने आया है.


सहरसा जिला अन्तर्गत नवहट्टा थाना के समीप शाहपुर की लड़की से जुड़ी हुई है. परिवार वालों ने धूमधाम से उसकी शादी शिवम नामक लड़के से की थी. दहेज में नगदी आभूषण और अन्य सामान भी दिए गए थे लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही 15 लाख और दहेज की डिमांड होने लगी, परिवार वाले इतना और पैसा देने की स्थिति में नहीं थे तो नव विवाहिता को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाने लगा, इसके बाद वह ससुराल से वापस अपने मां पिता के घर आ गई, पर वह अपने मां पिता के घर में मायूस होकर रहने लगी. आसपास के लोग के ताना मारने की वजह से वह खुद को अपने मां पिता के लिए बोझ समझने लगी और फिर एक रात को पत्र लिखकर घर से निकल गई.इस पत्र में अपने पिता के प्रति प्यार जाहिर करते हुए छोटी बहनों को उनकी सेहत की ख्याल रखने का जिक्र किया पत्र में साफ-साफ लिखीं कि जब से शादी टूटी है,तब से दिमाग में मुझे कुछ न कुछ चलता ही रहता है। इतना ज्यादा सोचने लगीं कि मुझे पता ही नहीं चलता है कि मैं जिन्दा हूॅं। अगर वह कोई आत्महत्या कदम उठाती है तो उसकी मौत का जिम्मेदार पति शिवम् एवं उनके परिजन होंगे.

 बेटी के इस पत्र को पढ़ने के बाद माता-पिता के साथ ही पूरे परिवार के लोग परेशान हैं स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई है, लेकिन पुलिस अभी तक उसको जिंदा या मुर्दा के रूप में नहीं खोज पाई है. मां पिता और परिवार के लोग अभी भी  अपनी बेटी की खोज में इधर-उधर भटक रहे हैं, पर बेटी किस हाल में है वह जिंदा भी है या  उसने कोई आत्मघाती कदम उठा लिया है इसके बारे में अभी कोई कुछ अंदाजा भी नहीं लग पा रहा है.

 रिपोर्ट-दिवाकर कुमार दिनकर

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