काॅलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एण्ड साइंस महाविद्यालय के मुख्य द्वार से आइसा के सैकडों छात्र-छात्राओं ने गहनभेदी नारों के साथ पाटलीपुत्र विश्वविद्यायल तक मार्च निकाला गया. कुलसचिव महोदय ने प्रशासन के द्वारा आंदोलनकारी छात्राओं से दिए गए ज्ञापन पर वार्तालाप करने के लिए आइसा के प्रतिनिधिमंडल बुलाया।
आइसा का आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कुलसचिव के समक्ष सोलह सूत्री मांगों को लेकर सकारात्मक वार्ता पर अनिश्चितकालीन घेराबंदी को समाप्त किया गया।अनिश्चितकालीन घेराबंदी करने दौरान सभा का आयोजन किया गया. सभा का संचालन राज्य परिषद सदस्य रूपक व अध्यक्षता आइसा नेत्री मुस्कान ने किया. सभा को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए आइसा राज्य अध्यक्ष प्रीति व सचिव सबीर कुमार ने कहा कि बिहार भर में स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा तक पहुंचने में छात्रों की ड्राॅपआउट की सबसे बड़ी समस्याएं महाविद्यालय में धांधली और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है. आरपीएम काॅलेज के प्राचार्य की मनमानी और धांधली छात्राओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था. यूजी-पीजी के हर सेमेस्टर में नामांकन शुल्क का बढ़ना तय जो कि बिहार सरकार के निर्देशानुसार एससी-एसटी छात्राओं से निःशुल्क नामांकन लेना है. कभी प्रैक्टिकल परीक्षा शुल्क, नामांकन फार्म, कैम्पस के अंदर मिसलेनियस के नाम पर छात्राओं से मनमानी रकम उगाही की जा रही थी. इससे इतर बात करे तो छात्रों के साथ भेदभाव करने, जातिसूचक अपशब्दों से अपमानित करना जितनी बार निंदा की जाए उतनी कम होगी. आइसा का छात्रहित में आंदोलन के प्रति विश्वविद्यायल प्रशासन का सकारात्मक पहल रहा. आने वाले दिनों में अन्य महाविधालयों की तमाम समस्याएं को दूर करने का आश्वासन कुलसचिव महोदय ने दिया।
विश्वविद्यायल संबद्ध महाविद्यालयों में छात्रों के कुशल जीवन के लिए एवं काॅलेज में बेहतर शैक्षणिक वातावरण स्थापित करने सहित विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए छात्र संगठन आइसा अन्य काॅलेज में छात्र संघर्ष को तेज करेगा। प्रतिनिधिमंडल सदस्य में राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, आइसा सदस्य ऋषि कुमार, मुस्कान, आशना, मीनाक्षी, सिमरन, मुस्कान, सोनम, मौजूद थे. अनिश्चितकालीन घेराबंदी छात्र संघर्ष में खुशबु, शोभा, छोटी, कोमल, सीमा, सुलेखा, सिमरन सहित सैकड़ो छात्रों की भागीदारी उपस्थित रही।