छात्र–युवा संगठन आइसा (AISA) और आरवाइए ( RYA) ने BPSC अभ्यर्थियों के चल रहे आन्दोलन के पक्ष में सरकार को अल्टीमेटम देते हुए घोषणा किया है कि रविवार तक पीटी परीक्षा रद्द कर नई तारीखों का ऐलान नहीं हुआ तब 30 दिसंबर को पूरे बिहार का चक्का जाम होगा। सड़क के साथ रेलमार्ग को भी बाधित करने का आह्वान किया है।आइसा–RYA की बिहार इकाइयों ने कहा है कि BPSC की 70वीं पीटी पटना समेत बिहार के अनेक केंद्रों पर पेपर लीक व घोर आपत्तिजनक अनियमितताओं के साथ सम्पन्न हुई। परीक्षा रद्द करने की मांग लगातार किया जा रहा है।अभ्यर्थी ठंड में धरने पर बैठे है लेकिन सरकार को चिंता नही है और उल्टे न्याय की मांग कर रहे नौजवानों पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया।नीतीश-मोदी सरकार बिहार में सुशासन के बड़े बड़े दावे करती है पर एक परीक्षा सुचारु रूप से करा पाने में सफल नहीं हो रही है। लोकतांत्रिक मांगे उठाने पर जेल, फर्जी मुकदमे और बर्बर पुलिसिया दमन नियम बनते जा रहा हैं, 25 दिसंबर से पूर्व इसी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे छात्र–छात्राओं पर भी लाठीचार्ज किया गया था।आइसा–आरवाइए ने कहा है कि बिहार इस वक्त शिक्षा और परीक्षा माफियाओं के गिरफ़्त में है।समय पर डिग्री न मिलना, कॉलेज में शिक्षक न होना, परीक्षा में धांधली, पैसे पर बिकती नौकरी और डिग्री बिहार में आम चलन बनता जा रहा है। पर सरकार इन माफियाओं पर लगाम लगाने की बजाय युवाओं पर लाठियां चला रही है।विदित है कि मुजफ्फरपुर केंद्र पर BPSC–PT परीक्षा देने वाले पटना जिले के पालीगंज के सोनू कुमार नाम के छात्र ने इस तनाव में अपनी जान ले ली।यह आत्महत्या नहीं सांस्थानिक हत्या है जिसका जवाब मोदी–नीतीश की जोड़ी को देना होगा। 30 दिसंबर के चक्का जाम की पूर्व संध्या 29 दिसंबर को पूरे बिहार में नौजवानों के बीच मोमबत्ती जलाकर सोनू कुमार को श्रद्धांजलि दी जाएगी।आइसा–आरवाइए की राज्य इकाइयों ने सभी विपक्षी राजनीतिक दलों और छात्र–युवा संगठनों से अपील की है कि बिहार के भविष्य के लिए लड़ रहे नौजवानों के पक्ष में एकजुट आंदोलन के लिए आगे आएं और 30 दिसंबर के *बिहार का चक्का जाम* आंदोलन में सक्रिय हिस्सेदारी करें।