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आईसा की दो दिवसीय रास्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न

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आईसा के रास्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के समापन के बाद आईसा नेताओ ने संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर बिहार में लगातार हो रहे पेपर लीक तथा इन घटनाओं पर सरकार की उदासीनता और तानाशाही पर सवाल उठाते हुए हाल ही में हुए बीएससी की परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले में परीक्षा को रद्द करने की मांग की। आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड नेहा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देश में लगातार शिक्षा,रोजगार और विश्वविद्यालय पर हमला किया जा रहा है तथा विश्वविद्यालय को निजीकरण के रास्ते पर अकेला जा रहा है जिसके परिणाम स्वरुप इस देश की बहुसंख्यक आबादी शिक्षा से बेदखल हो जाएगी जिसमें महिलाएं बुरी तरह से प्रभावित होगी और बड़ी आबादी को बेरोजगार रखकर इस देश की बुनियाद को खोदने की कोशिश की जा रही है। आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत ने कहां की शिक्षा,रोजगार जैसे मूलभूत सवालों पर बात ना हो इसके लिए भाजपा सरकार द्वारा देश भर में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही है, भाजपा द्वारा इन सांप्रदायिक एजेंट को लागू कर शिक्षा का निजीकरण तथा रोजगार के अवसरों की कटौती कर सार्वजनिक व्यवस्थाओं को पूंजीपत्तियों और धन्नासेठों के हाथों सस्ती कीमत पर बेचकर उन्हें मुनाफा पहुंचाने की है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष कामरेड धनंजय ने अपनी बात रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय देश की नींव का निर्माण करते हैं परंतु वर्तमान मोदी सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के माध्यम से विश्वविद्यालय की ही नींव खोदने की व्यवस्था की जा रही है, नई शिक्षा नीति लागू करने के क्रम में विश्वविद्यालय में विभिन्न कोर्सों की फीस बढ़ाई जा रही है, शिक्षा का संप्रदायिक्करण से लेकर, लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी मूल्य आधारित शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर मनुवादी सामंती और पूंजी पतियों के मुनाफे की शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने की कोशिश की जा रही है इसके खिलाफ इस देश के छात्र युवा लड़ रहे हैं और भाजपा को तथा उसके द्वारा की जा रही है सांप्रदायिक राजनीति को सत्ता और समाज से बेदखल करके ही रहेंगे।बैठक से उच्च शिक्षा पर हो रहे हमले के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने का संकल्प लिया गया।

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