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बिहार में कैंसर मरीज के आंकड़े डराने वाले, समय पर जांच जरुरी..

Alarming cancer cases in Bihar, timely check-ups are essenti

Patna :- कैंसर क़े उपचार को लेकर कई स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. इसके बावजूद बिहार मे कैंसर के बढ़ते आंकड़े डराने वाले हैं. स्वास्थ्य विभाग क़े आंकड़े क़े अनुसार कैंसर के मामले मे बिहार देश का चौथा राज्य है. बिहार के कई गाँव कैंसर के हॉटस्पॉट बन गए है.

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार ऐसे राज्य है जहाँ कैंसर के सालाना एक लाख से ज्यादा मरीज आ रहे है. बिहार मे महिलाओ से ज्यादा पुरुषो मे कैंसर की समस्या बढ़ती जा रही है.स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट के अनुसार बिहार मे मुँह और गले के कैंसर मरीजों की संख्या ज्यादा है.बिहार के भागलपुर, पटना, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय ऐसे जिले हैं जहां कैंसर डरावनी रफ्तार से बढ़ रही है. 

भागलपुर की बात करें तो जिले की चार जगह सबौर, पीरपैंती, जगदीशपुर और नवगछिया में कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा पाई गई है. इसको लेकर समय-समय पर जांच टीम गठित की जाती है. भागलपुर समेत पूरे राज्य में कैंसर मरीज की स्क्रीनिंग भी की जाती है. कैंसर को लेकर जागरूकता अभियान और स्क्रिनिंग कैम्प लगा रहे है. विशेषज्ञों की मानें तो कैंसर के मामले पहले भी काफी मिलते थे लेकिन जानकारी नहीं मिल पाती थी. अब टेक्नोलोजी के साथ साथ लोगो मे कैंसर के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है. इसमें बड़ी भूमिका स्क्रिनिंग प्रोग्राम की रही है.डॉ प्रभात रंजन जैसे कई चिकित्सक अपने संस्थान के द्वारा ग्रामीण इलाकों मे DTVS,(direct to village pathology service ) प्रोग्राम चला रहे है. इस क्रम मे ग्रामीण इलाकों मे कैम्प लगाकर स्क्रीनिंग की जाती है. ग्रामीण महिलाओ के कैंसर के लक्षण के बारे मे बताया जाता है. 

 डॉक्टरों की मने तो शुरुआत मे तो लोग अपनी परेशानी बताने से शर्म महसूस थे लेकिन फिर धीरे धीरे अब वे जागरूक होने लगे हैं, और खुल कर अपनी बीमारियों के बारे में बताने लगे हैं . अभी हाल ही मे वैशाली जिले के भगवानपुर सहित कई गाँवों मे स्क्रिनिंग कैंप लगाया गया था जहाँ बड़ी संख्या मे लोग चेक अप के लिए आये. हालांकि कैम्प लगाने के पहले इन गाँवो मे हेल्थ वर्कर लोगो के बीच जाते है उनसे फॉर्म साइन करवाते है और उनकी परेशानियों को लेकर फॉर्मेट तैयार करते है. जिसके बाद स्क्रिनिंग के दौरान उन्हें जाँच के साथ साथ दवाइया भी दी जाती है.

डॉक्टर प्रभात ने बताया कि उत्तर बिहार के इलाके में खासकर कैंसर के अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं. पुरुषों में जहां माउथ कैंसर प्रमुख हैं. वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर अधिक देखने को मिल रहा है. डॉ रूपम रंजन के अनुसार महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की प्रमुख वजह न्यूट्रीशन युक्त भोजन की कमी है. ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर महिलाएं पोषण युक्त भोजन पर ध्यान नहीं देती. इसके अलावा अनहाइजीन भी ब्रेस्ट कैंसर का प्रमुख वजह है. उन्होंने बताया कि कोई भी गांठ अथवा मुंह के अंदर छाला 2 हफ्ते से अधिक परेशान कर रहा है तो इसका स्क्रीनिंग करना जरूरी है.. शरीर में कैंसर का पता जितनी जल्दी चलेगा, उतना ही मरीज के आयु बढ़ने के चांसेस बढ़ जाते हैं.


स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में महिलाओ से ज्यादा पुरुषो मे कैंसर की बीमारी है.सामान्य वर्ग की तुलना मे अनुसूचित जनजाति मे कैंसर के मरीज कम है. 15 से 19 वर्ष की एक लाख की आबादी पर 68 महिलाये कैंसर से पीड़ित है जबकि पुरुषो की संख्या 90 है.20 से 24 आयु वर्ग वालो मे 85 महिलाये और 211 पुरुष है.

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