Join Us On WhatsApp
BISTRO57

आशा संघ ने दी सरकार को चेतावनी

Asha on swasthy vibhag

ऐक्टू व महासंघ (गोप गुट) से सम्बद्ध बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की प्रदेश अध्यक्ष सह भाकपा (माले) एमएलसी शशि यादव  ने आज पत्रकारों को बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार तथा जिला स्वास्थ्य समिति, पटना ने अपने अनेक आदेशो के जरिए आशा कार्यकर्ताओं को मोबाइल ऐप के माध्यम से ABHA CARD एवं आयुष्मान भारत" जैसे सर्वे घर-घर करने को निर्देशित किया है साथ ही अनिवार्य ट्रेनिंग लेने और ट्रेनिंग में  बालिग बच्चे या परिवार के अन्य सदस्यों को जबरन साथ लाने को कहा जा रहा है ताकि वे सीखकर आशा को डेटा भरने में मदद कर सकें ।उन्होंने अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति को सोमवार को लिखे पत्र में कहा कि प्रसव- टिकाकरण जैसे निर्धारित मुख्य काम से अलग अतिरिक्त पारिश्रमिक/मानदेय तथा यात्रा भत्ता भुगतान के बगैर आशाकर्मियों को अलग से "ABHA CARD एवं आयुष्मान भारत" जैसे सर्वे कामों में लगाना अनुचित व न्याय संगत नहीं है। सर्वे जैसे अन्यत्र काम मे आशाओं को लगाने से इनके द्वारा संपन्न होने वाले प्रसव व टिकाकरण जैसे मुख्य कार्यों पर अनिष्टकारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।शशि यादव ने पत्र में कहा कहा कि आशा कार्यकर्ता मानदेय/ वेतनभोगी/संविदा कर्मी नही हैं बल्कि मामूली प्रोत्साहन राशि पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा तय काम करने वाली सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है जिनसे एक सरकारी कर्मी की तरह काम नही लिया जा सकता। परंतु इनसे नियमित/संविदा कर्मी जैसा काम लिया जा रहा है । राज्य स्वास्थ्य समिति व जिला स्वास्थ्य समिति ने अपने विभिन्न आदेशों के जरिए ABHA CARD एवं "आयुष्मान भारत" इत्यादि सर्वे जैसा दिन में 10 से 12 घण्टा काम की जवाबदेही आशाकर्मियों पर जबरन लादा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व से ही आशाओं को भुगतान किए जा रहे मामूली 1000 रु मासिक प्रोत्साहन राशि में ही सर्वे जैसे अन्य काम लेकर सरकार आशाओं से पूरे दिन में इनके शारीरिक श्रम को निचोड़ लेने चाहती है । उन्होंने इस नैतिक अपराध पर रोक लगाने की मांग किया है।उन्होंने कहा कि आशाओं को 2500 रु मासिक मानदेय लागू करने का लिखित समझौता का फाइल एक साल से अधिक समय से मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के यहां धूल फांक रहा है । मासिक पारिश्रमिक/मानदेय राशि बढ़ाने में सरकार आशाओं को सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता बता सारी मांगे अस्वीकार कर देती है लेकिन काम लेने के मामले में वह यह बात भूल कर बेशर्मी के साथ नियमित कर्मचारी की तरह काम लेने का आदेश जारी कर देती है।माले एमएलसी सह आशा नेत्री शशि यादव ने ABHA CARD एवं "आयुष्मान भारत" इत्यादि सर्वे में आशाओ व इनके परिजन को जबरन लगाने वाले आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए इस मांग पर सहानुभूति पूर्वक और नीतिगत ढंग से विचार करने की मांग किया है साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अन्यथा बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ को मजबूरन सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन में उतरना पड़ सकता है। 



bistro 57

Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp