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भाकपा ने की शिक्षकों को ऐच्छिक विकल्प देने की मांग

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य सरकार से राज्य के प्रारंभिक एवं माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत विभिन्न कोटि के शिक्षकों के स्थानांतरण / पदस्थापन नीति का संशोधित करने और गृह अनुमंडल की शर्त को संशोधित करते हुए गृह प्रखंड का प्रावधान करने की मांग की है। उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया है कि मुख्यमंत्री के द्वारा विधानमंडल में विद्यालय संचालन के लिए 10 से 4 बजे तक की घोषणा अभी तक लागू नहीं किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नौकशाह ने अपने कब्जे में ले लिया है और अव्यवहारिक आदेश निकाले जा रहे हैं। स्थानांतरण नियमावली में सुधार और ऐच्छिक स्थानान्तरण का प्रावधान किया जाय।भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि असाध्य रोग, गंभीर रूग्णता तथा विशेषकर दिव्यांग शिक्षकों के स्थानांतरण में भी शर्त रखी गई है, जबकि ऐसे शिक्षकों को उनके ऐच्छिक विद्यालय में पदस्थापन का प्रावधान होना चाहिए।सिर्फ शिक्षिका के पति के पदस्थापन के आधार पर पति के पदस्थापन स्थल को आधार बनाया गया है, जो पूर्णतः अव्यवहारिक है। इससे सामाजिक संतुलन बिगड़ जायेगा। सभी पुरूष शिक्षकों का स्थानांतरण उनके गृह अनुमंडल छोड़कर ही किये जाने का प्रावधान किया गया है। राज्य में 08 जिले ऐसे हैं, जहां अनुमंडल का सीमा-क्षेत्र भी वही है, जो जिला का सीमा-क्षेत्र है। इसलिए गृह अनुमंडल की शर्त को संशोधित करते हुए गृह प्रखंड का प्रावधान किया जाना शिक्षकहित में न्यायोचित होगा। शिक्षकों को उनके सेवाकाल के प्रत्येक पाँच वर्ष पर स्थानान्तरण की अनिवार्यता को विलोपित किया जाना चाहिए, चूँकि शिक्षकों को अन्य सेवा कर्मियों की तरह स्थानान्तरण की अनिवार्यता से राज्य के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में बाधक होगा। पूर्व की भांति ऐच्छिक स्थानान्तरण का ही प्रावधान होना चाहिए। पदस्थापन नीति से राज्य के शिक्षक समुदाय में असंतोष व्याप्त है। इस नीति एवं नियमावली के गठन में शिक्षकों / शिक्षिकाओं के वर्तमान एवं भविष्य की समस्या और उसके समाधान के साथ-साथ अध्ययन और अध्यापन की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। विदित हो कि वर्ष 1995 में शिक्षा विभाग के द्वारा बड़े पैमाने पर शिक्षकों का सामूहिक स्थानांतरण किया गया था, जिसके कारण पूरे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई थी। वही स्थिति वर्तमान नियमावली के कारण उत्पन्न हो गई है।अतः राज्य के व्यापक हित में स्थानान्तरण नियमावली को निरस्त करते हुए ऐच्छिक विकल्प ही दिया जाये।

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