Patna - बिहार में सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं के बीच एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी अब कोर्ट कचहरी तक पहुंच गई है. पूर्व मंत्री और जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा सैलरी घोटाला का आरोप लगाए जाने से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव काफी नाराज हैं और उन्होंने अपने वकील के माध्यम से नीरज कुमार को मानहानि का नोटिस भेजा है.
बताते चलें कि नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष पर सैलरी घोटाले का आरोप लगया था । उन्होंने कहा था कि कि तेजस्वी यादव को सालाना 12 से 13 लाख रुपये वेतन मिल रहा है और यह एक करोड़ लोन दे रहे हैं. एक अन्य हलफनामा में तेजस्वी यादव ने बताया है कि यह 3 करोड़ लोन दे चुके हैं. हलफनामा से साफ पता चलता है कि तेजस्वी यादव की मंशा तथ्यों को छुपाना था. ईडी से बचने के लिए पैतरा अपना रहे हैं. 700 पन्नो के दस्तावेज में हमने आयोग से कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनउनके ऊपर कार्रवाई कीजिए. यह एक भ्रष्ट आचरण है.
JDU प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा आरोप लगाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 12 करोड़ रूपए के मानहानि का नोटिस वकील के माध्यम से भेजा है। तेजस्वी के वकील ने अपने नोटिस में लिखा कि 21.10.2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आपने ऊपर नामित हमारे मुवक्किल पर गलत और दुर्भावनापूर्ण तरीके से वित्तीय कदाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया विशेष रूप से "वेतन घोटाले" में उनकी भागीदारी का आरोप लगाया। ये दावे जो पूरी तरह से निराधार थे। हमारे मुवक्किल को जानबूझकर अपनी आय कम रिपोर्ट करने के रूप में चित्रित करते हैं
हमारे मुवक्किल के खिलाफ उपरोक्त मानहानिकारक निंदनीय, झूठे और लापरवाह आरोप व्यापक रूप से प्रसारित किए गए हैं। पूरे भारत में जनता को ज्ञात हैं और इससे जनता की नजरों में हमारे मुवक्किल की गरिमा/प्रतिष्ठा कम हुई है। इस तरह के निंदनीय, मनगढ़ंत, मानहानिकारक और लापरवाह आरोप आपके द्वारा हमारे मुवक्किल की छवि और प्रतिष्ठा को बदनाम करने और धूमिल करने के गुप्त उद्देश्यों और गलत इरादे से लगाए गए हैं। हमारा मुवक्किल अपनी मानसिक पीड़ा अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की हानि के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 12,00,00,000/- (केवल बारह करोड़ रुपये) और इस कानूनी नोटिस की लागत के रूप में 10,00,000/- (केवल दस लाख रुपये) की मांग कर रहा है। इसलिए हमारा मुवक्किल आपसे अनुरोध करता है कि आप इस कानूनी नोटिस की प्राप्ति के दस (10) दिनों के भीतर हमारे मुवक्किल के पक्ष में बिना शर्त सार्वजनिक माफी जारी करने के साथ-साथ कुल 12,10,00,000/- रुपये (केवल बारह करोड़ दस लाख रुपये) का भुगतान करें ऐसा न करने पर हमें हमारे मुवक्किल से कानूनी कार्यवाही शुरू करने और भारतीय न्याय संहिता 2024 की धारा 356 के तहत मानहानि के लिए आपराधिक मुकदमा दायर करने के स्पष्ट निर्देश हैं