Aurangabad :- बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त एक शिक्षक उसने अपने स्कूल के गरीब बच्चों के लिए अनोखी पहल की, भीषण गर्मी में भी कई बच्चों को नंगे पैर स्कूल आते देखा, उसके बाद BPSC शिक्षक ने स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता के सहयोग से मुझे पांव आए सभी छात्र-छात्राओं के लिए चप्पल उपलब्ध करवाई. बीपीएससी शिक्षक के इस पहल की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है.
यह मामला औरंगाबाद के दाउदनगर प्रखंड के करमा कला गांव के राजकीय मध्य विद्यालय का है. बीपीएससी से नवनियुक्त टीचर रजनीश यादव ड्यूटी के पहले दिन ही शुक्रवार को स्कूल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने तपती गर्मी में कई बच्चों के नंगे पैरों में चलते देखा, जिससे वे असहज हो गए. चूंकि स्कूल में आज उनका पहला दिन था और जेब में इतने पैसे भी नही थे कि ढ़ेर सारे बच्चों को चप्पल खरीद कर दे सके।उसके बाद उन्होंने अपने दोस्त और दाउदनगर के समाजसेवी डॉ. प्रकाश चंद्रा से संपर्क किया और फिर सामाजिक सहयोग से नंगे पैर वाले सभी छात्र-छात्राओं को चप्पल नया उपलब्ध कराया गया
समाजसेवी डॉ. प्रकाश चंद्रा ने अपने सामाजिक संगठन 'हैंड्स ऑफ प्रकाश चंद्रा'(एचओपीसी) की टीम के सदस्यों को फौरन बच्चों के लिए चप्पलें लेकर स्कूल जाने को कहा। टीम के संरक्षक का निर्देश मिलते ही एचओपीसी के सदस्य तत्काल 50 जोड़ी चप्पल लेकर स्कूल पहुंचे, जिनमें से 26 जोड़ी चप्पल उन मासूम बच्चों को दिए गए जो तपती गर्मी में नंगे पैर धरती पर चलकर स्कूल आए थे। इस तरह न केवल नवनियुक्त टीचर के मन को असीम शांति मिली बल्कि बच्चों के नंगे पैरों को चप्पल भी उपलब्ध हो गया।
बच्चों के नंगे पैरों को चप्पल उपलब्ध कराने के सराहनीय कार्य के बाद समाजसेवी डॉ. प्रकाश चंद्रा ने नागरिकों से अनूठी अपील करते हुए कहा कि यदि वे किसी भी बच्चे को इस भीषण गर्मी में नंगे पैर स्कूल जाते हुए देखें तो तुरंत इसकी सूचना उन्हे दें, ताकि ऐसे जरूरतमंद बच्चों की मदद की जा सके।
स्थानीय लोगों ने इस कार्य की प्रेरणा देने के लिए शिक्षक रजनीश यादव की तारीफ की, क्योंकि शिक्षक बनने के बाद स्कूल में पहले दिन ही उन्होंने बड़ी पहल की है, जिसका फायदा कहानी बच्चों को मिला है और एक सकारात्मक माहौल भी स्कूल में बना है.
औरंगाबाद से गणेश की रिपोर्ट