Breaking - झारखंड के बाद महाराष्ट्र की DGP रश्मि शुक्ला को हटाने का आदेश चुनाव आयोग ने दिया है. बीजेपी की शिकायत पर झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को उनके पद से हटाया गया था और अब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है.
बताते चलें कि पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाने अथवा नहीं हटने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के के राजनेताओं के बीच बार और पलटवार का दौर चल रहा था इस बीच चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाते हुए डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाने का आदेश दिया है.
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा था कि अगर डीजीपी रश्मि शुक्ला राज्य पुलिस बल की कमान संभालती रहेंगी तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते. संजय राउत ने उन पर भाजपा के लिए पक्षपात करने का आरोप लगाया है. राउत ने मीडिया से कहा कि ‘राज्य की पुलिस महानिदेशक (DGP) रश्मि शुक्ला पर बहुत गंभीर आरोप है. 2019 में जब हमारी सरकार बन रही थी, तब यह पुलिस महानिदेशक, सीधे भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रही थीं. हमारे सभी फोन टैप कर रही थीं और देवेंद्र फडणवीस को पूरी जानकारी दे रही थीं कि हम क्या करने जा रहे हैं.’
संजय राउत ने कहा कि ‘क्या हम उनसे निष्पक्ष चुनाव कराने की उम्मीद कर सकते हैं? हमने कहा है कि चुनाव की बागडोर उन्हें नहीं दी जानी चाहिए और फिर चुनाव आयोग ने कहा कि उनके पास तबादला करने का अधिकार नहीं है. ऐसा कैसे हो सकता है? उसी समय झारखंड के डीजीपी को बदल दिया गया. महाराष्ट्र का चुनाव पुलिस के दबाव के आधार पर कराया जा रहा है.’
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखकर रश्मि शुक्ला को उनके पद से हटाने का अनुरोध किया था.अपने पत्र में नाना पटोले ने डीजीपी शुक्ला पर कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) सहित राज्य में विपक्षी दलों के खिलाफ ‘साफ पूर्वाग्रह’ दिखाने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 20 दिनों में महाराष्ट्र में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर राजनीतिक हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें कथित तौर पर मामले बढ़ते जा रहे हैं. 31 अक्टूबर को लिखे गए नाना पटोले के पत्र में लिखा गया कि ‘कृपया रश्मि शुक्ला को महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक के पद से हटाने के संबंध में हमारे 24 सितंबर 2024 और 4 अक्टूबर 2024 के पिछले पत्रों का संदर्भ लें. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने 27 सितंबर 2024 को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के साथ एक ब्रीफिंग के दौरान इस अनुरोध को दोहराया था.