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बांका पहुंचे बागेश्वर धाम वाले बाबा, विरोधियों को फिर ललकारा..

Baba of Bageshwar Dham reached Banka, challenged his opponen

Banka :- बिहार प्रवास के दौरान बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री बांका के मंदार पहुंचे, जहां उन्होंने भोजपुरी में भक्तों से संवाद किया। उन्होंने पूछा- 'बिहार में का बा?' इस पर भक्तों ने जवाब दिया- 'बिहार में धीरेंद्र शास्त्री बा।' संतों और भक्तों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने आगे पूछा- 'का हाल बा... ठीक बा नू हो... हमऊ ठीक बाडू।'  

धोरैया प्रखंड के गौरा गांव में आयोजित कार्यक्रम में कई प्रमुख धर्मगुरु शामिल हुए। गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और निरंजन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद मौजूद रहे। धीरेंद्र शास्त्री ने जय श्री राम का जयघोष करवाया। भक्तों के प्रति विनम्र दिखे। हाथ जोड़कर आशीर्वाद दिया।
करीब दो घंटे के प्रवचन में हिंदू एकता का संदेश दिया।उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जात-पात की भावना छोड़नी होगी। मंदिरों को लेकर नया सुझाव दिया। बोले- 'चप्पल-जूता मंदिर के बाहर रखें' और 'जात-पात छोड़कर अंदर आएं' ऐसा मंदिर के बाहर लिखा होना चाहिए।  

 विरोधियों का निशान चाहते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा
कि बिहार आने से पहले और आने के बाद कई लोगों ने कहा कि बाबा को जेल में डाल दो। बाबा को बिहार नहीं आना चाहिए। हमने परसों रात ही कहा- 'ठठरी के परे'। तुम रोहिंग्या को रोक नहीं पाए। घुसपैठियों को रोक नहीं पाए। हम तो भारत के ही हैं। भारत हमारा है। बिहार संतों की भूमि है। महंतों की भूमि है। चाणक्य की भूमि है। प्रथम राष्ट्रपति की भूमि है। ज्ञान की भूमि है। जानकी माता की भूमि है। अब बांका जिले में कुछ भी 'बांका' नहीं रहने वाला।  उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि हम तोड़ने आए हैं। सच यह है कि हम हिंदुओं को जोड़ने आए हैं। लोगों को लगता है कि हम नफरत फैलाते हैं। नफरत नहीं, हम प्रेम के आदी हैं। गर्व से कहते हैं कि हम हिंदुत्ववादी हैं। लोगों को लगता है कि हम विवाद करते हैं। नहीं... हम तो संवाद करते हैं। लोगों को लगता है कि हम हिंदू-मुसलमान करते हैं। बांका जिले में मुसलमान परिवार भी बहुत हैं। देश सबका है। सबको रहना चाहिए। हम राम-रहीम दोनों को मानते हैं। अब्दुल कलाम को भी मानते हैं। लेकिन गजवा-ए-हिंद को नहीं मानते। तुम गजवा-ए-हिंद कहोगे, हम भगवा-ए-हिंद कहेंगे। तुम देश को तोड़ने की बात करोगे, हम हिंदुओं को जोड़ने की बात करेंगे।  
बांका से दीपक कुमार सिंह की रिपोर्ट

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