Chapra :-सारण जिला के माँझी में मानवता को शर्मसार करने वाली और निर्ममता एवम बर्बरता की हदें पार करने वाला घटना सारण जिले के मांझी में हुई है.
एक लोमहर्षक वारदात हुआ है।एक कलियुगी मां ने नौ महीने तक अपनी कोख में रखकर जिसे जन्म दिया उस नवजात बच्ची के कोमल बदन पर नमक का लेप लगाकर उसे कूड़े के ढेर में तड़प तड़प कर मरने के लिए फेंक दिया, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था कुछ लोगों की नजर उसे नवजात पर पड़ी और फिर उसे वहां से उठाकर अस्पताल में भर्ती करवाया है.
मिली जानकारी के अनुसार मांझी थाना क्षेत्र के मियाँ पट्टी मोड़ के सरकारी अस्पताल के समीप राहगीरों ने कूड़े की ढेर पर फेंके गए प्लास्टिक के एक थैले से नवजात बच्ची को बरामद किया गया।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बरामद नवजात के कोमल शरीर पर पूरी तरह नमक लपेटा हुआ था तथा उसके मुँह में भी नमक ठूंस दिया गया था। राहगीरों ने नवजात बच्ची को उठाकर तत्काल माँझी सीएचसी पहुँचाया,जहां चिकित्सकों ने उसका प्राथमिक उपचार कर उसे बेहतर चिकित्सकीय सुविधा के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया। राहगीरों ने बताया कि कूड़े की ढेर में पड़े प्लास्टिक के थैले को कुत्ते नोच रहे थे। जिस पर सहसा उनकी नजर पड़ी। शक होने पर लोगों ने थैला को पलट कर देखा तो उसके भीतर कपड़े में लपेटा हुआ एक नवजात शिशु को देखकर सभी के होश उड़ गए।कपड़ा हटाकर जब देखा गया तो नवजात शिशु के पूरे शरीर पर सूखा नमक लपेटा हुआ था। वहीं थैले के समीप एक फटा हुआ नमक का पैकेट भी पड़ा हुआ मिला। घटना की जानकारी मिलते ही देखने वालों की भीड़ जुट गई तथा बाद में ग्रामीणों की सूचना पर पहुँची मांझी पुलिस द्वारा उक्त नवजात शिशु को माँझी सीएचसी में लाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे छपरा रेफर कर दिया गया है जहां वह अभी भी जिंदगी और मौत से जुझ रही है।
बताते चलें कि इस तरह नवजात को कचरे के ढ़ेर में फेंकने वाली मां अपने अवैध संबंधों को छुपाने के लिए करती है. पहले वो प्रेम और लव के नाम पर अवैध शारीरिक संबंध बनाती है और जब वह मां बन जाती है तो फिर कथित सामाजिक प्रतिष्ठा को बचाने के नाम पर शर्मनाक और बर्बरता की हदे पार कर जाती है इसका एक उदाहरण इस मासूम बच्ची को लिया जा सकता है, जिसे मरने के लिए कचरे के ढ़ेर में फेंक दिया और शरीर पर नमक लगा दिया. अंदाजा लगा सकते हैं कि मां की करतूत से मासूम बच्ची कितनी तड़प रही होगी..
छपरा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट