Patna - चार विधानसभा उपचुनाव को लेकर हो रहे मतदान से एक दिन पहले बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद ने चुनाव आयोग से बड़ी मांग की है.राजद ने चारो विधानसभा उप चुनावों में सभी मतदान केन्द्रों पर चुनाव समाप्ति के पश्चात पोलिंग एजेंटों को फॉर्म 17 सी उपलब्ध कराने के प्रावधान को शत प्रतिशत सुनिश्चित कराने की मांग को पुनः दोहराया है।
इस संबंध में राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया का स्पष्ट और महत्वपूर्ण प्रावधान होने के बावजूद पोलिंग एजेंटों को फॉर्म 17 सी उपलब्ध कराने के प्रति चुनाव आयोग कभी भी गंभीर नहीं रही है, जबकि राजद सहित अन्य राजनीतिक दलों द्वारा बराबर इस मांग को उठाया जाता रहा है। इस सम्बन्ध में राजद द्वारा पहले भी चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया जा चुका है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग सभी चुनाव पदाधिकारियों को निर्देशित करे कि वह चुनावी प्रक्रिया के स्पष्ट प्रावधान के तहत सभी मतदान केन्द्रों के पीठासीन पदाधिकारीयों को पोलिंग एजेंटों को फॉर्म 17 सी निश्चित रूप से उपलब्ध कराने का सख्त रुप से हिदायत दें,जो पीठासीन पदाधिकारी इस प्रावधान का अनुपालन नहीं करते हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
ज्ञातव्य है कि फॉर्म 17C में बूथ पर पड़े वोटों का लेखा-जोखा होता है. फॉर्म 17 सी में ईवीएम की पहचान संख्या, उस बूथ पर कुल मतदाताओं की संख्या, उस बूथ पर कुल मतदाताओं की संख्या, उन मतदाताओं की कुल संख्या जिन्होंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद वोट न डालने का फैसला किया, वोटर्स जिन्हें वोट देने की अनुमति नहीं थी और प्रति ईवीएम दर्ज किए गए वोटों की कुल संख्या शामिल होती है. चुनाव परिणाम से संबंधित कानूनी विवाद के मामले में फॉर्म 17सी का उपयोग किया जा सकता है. बता दें कि कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 में चुनाव से संबंधित दो तरह के फॉर्म का जिक्र है. पहला फॉर्म 17A और दूसरा 17C होता है. 17ए में पोलिंग अधिकारी के पास हर मतदाता का ब्योरा होता है. वहीं, 17 C में मतदान प्रतिशत के आंकड़ों का पूरा विवरण होता है. मतदान की समाप्ति के बाद इसे सभी प्रार्टियों के पोलिंग एजेंट को दिए जाने का प्रावधान है.