Breaking :-दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े नोट कांड मामले में बड़ा फैसला आया है, उन्हें केस की सुनवाई से अलग कर दिया गया है. इसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने एक पब्लिक नोटिस जारी किया है जिसमें अगले आदेश तक जस्टिस यशवंत वर्मा के कोर्ट में किसी भी मामले की सुनवाई नहीं होने की बात कही है.
बताते चलें कि नोट कांड को लेकर देशभर में तरह-तरह की चर्चा हो रही है. विपक्षी दल कांग्रेस के सांसदों ने सरकार से कार्रवाई की मांग की है, वही जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लगाने की मांग भी हो रही है. उनका तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने पर वहां के 12 एसोसिएशन ने विरोध जताया था और कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट को कचरे का डब्बा ना समझा जाए.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन सदस्य टीम इस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.
गौरतलब है कि जस्टिस वर्मा के आवास में लगी आग को बुझाने आई टीम ने बड़ी मात्रा में नोट बरामद किए थे. इसके बाद मामले की जानकारी सुप्रीम कोर्ट के CJI को दी गई थी जिसके बाद पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.
वहीं आरोपी से घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा ने खुद इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें नहीं पता कि यह नकदी उनके घर कैसे पहुंची और यह उनका पैसा नहीं है. उन्होंने इसे अपने खिलाफ साजिश करार दिया. दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इसकी गहराई से जांच जरूरी है. अब यह विवाद काफी बढ़ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात कुछ दस्तावेज जारी किए और जस्टिस वर्मा के घर से कथित तौर पर मिले जले हुए नकदी का एक वीडियो भी साझा किया.