Desk :- आरजेडी नेता सुनील सिंह की विधान परिषद सदस्यता से स्थाई निष्कासन के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. इस सीट पर हो रहे चुनाव के परिणाम को जारी करने पर रोक लगा दी है.
सुनील सिंह की याचिका पर आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि सुनील कुमार सिंह ने सीएम नीतीश कुमार को पलटू राम कहा था लेकिन यह इतना गंभीर मामला नहीं है कि उन्हें स्थाई रूप से सदन से बाहर कर दिया जाए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मसले पर कल भी सुनवाई जारी रखेंगे और तब तक परिणाम घोषित नहीं किया जाना चाहिए.
बताते चलें कि विधान परिषद की मानसून सत्र के दौरान पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने का आरोप आरजेडी विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह पर लगा था उसके बाद विधान परिषद की आचार समिति में इसकी शिकायत की गई थी.इस समिति में सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी उसके बाद विधान परिषद के सभापति ने सुनील सिंह की सदस्यता स्थाई तौर पर निष्कासित कर दी थी.इसके खिलाफ सुनील सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसको लेकर आज भी सुनवाई हुई है.
इस बीच सीट खाली होने के बाद निर्वाचन आयोग ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और इस सीट के लिए एकमात्र जदयू के तरफ से ललन प्रसाद ने नामांकन भरा है और उनका निर्विरोध निर्वाचित होना तय माना जा रहा है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद ललन प्रसाद की चिंता बढ़ गई है. अगर सुप्रीम कोर्ट सुनील सिंह के फेवर में फैसला सुनाती है तो फिर ललन प्रसाद को विधान परिषद जाने का सपना तत्काल पूरा नहीं हो पाएगा.