Patna : पटना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय मानव व्यापार गिरोह का भंडाफोड़ किया है और मध्य प्रदेश के दो युवकों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह एक महत्वपूर्ण सफलता है, क्योंकि मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है जो अक्सर कई राज्यों में फैला होता है। इस तरह के गिरोह भोले-भाले लोगों को नौकरी या शादी का झांसा देकर फंसाते हैं और फिर उन्हें जबरन मजदूरी, यौन शोषण, या अन्य अवैध गतिविधियों में धकेल देते हैं। गिरोह ने बिहार की कई यूवतियों को दूसरे राज्यों में बेच देते थे। इस मामले की जानकारी एसपी कार्तिकेय शर्मा ने दी।
मानव तस्करी के खिलाफ कानूनी क्या है प्रावधान ?
भारत में मानव तस्करी से निपटने के लिए कई कड़े कानून बनाए गए हैं, जिनमें ये सभी शामिल हैं।
भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860: इसमें मानव तस्करी से संबंधित विभिन्न धाराएं हैं, जैसे धारा 370 (तस्करी) और 370A ( तस्करी किए गए व्यक्ति का शोषण )।
अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 (ITPA): यह मुख्य रूप से वाणिज्यिक यौन शोषण के लिए मानव तस्करी को रोकने के लिए बनाया गया है।
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012: यह बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए विशेष प्रावधान करता है, जिसमें तस्करी भी शामिल है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 23: यह मानव व्यापार और बेगार (जबरन श्रम) पर रोक लगाता है।
नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता 2023): 1 जुलाई 2024 से लागू होने वाले इन कानूनों में मानव तस्करी के खिलाफ और भी कड़े प्रावधान किए गए हैं, जिसमें बच्चों की खरीद-फरोख्त और यौन शोषण के लिए तस्करी पर सख्त सजा शामिल है।
पुलिस की यह कार्रवाई दिखाती है कि वे मानव तस्करी के खिलाफ लगातार सक्रिय हैं और ऐसे गिरोहों को पकड़ने के लिए प्रयासरत हैं। यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि मानव तस्करी जैसे जघन्य अपराधों पर लगाम लगाई जा सके।
पटना से चंदन तिवारी की रिपोर्ट