Join Us On WhatsApp

Bihar Fake Police Station : बिहार में फर्जी पुलिस ही नहीं, फर्जी थाना भी है... सम्मानित के साथ इनाम भी दिया गया... पढ़े पूरी खबर...

Bihar Fake Police Station: Not only fake police in Bihar, th

Purnia : बिहार के पूर्णिया जिले के कसबा थाना क्षेत्र के मोहनी गांव में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां, पिछले एक साल से फर्जी थाना संचालित हो रहा था। इस फर्जी थाने के जरिए मुख्य आरोपी राहुल कुमार साह ने ग्रामीण युवाओं को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी भी की। बता दें कि, फर्जी पुलिस बन युवाओं से ठगी किया जा रहा था। युवाओं से ग्रामीण रक्षा दल के नाम पर सिपाही और चौकीदार की भर्ती के लिए 2500 से 5000 रुपये तक वसूले गए। हालांकि, मामला उजागर होने के बाद राहुल फरार हो गया है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। वहीं अब स्थानीय प्रशासन की अनदेखी और संदिग्ध भूमिका पर सवाल भी उठ रहे हैं। आरोपी राहुल कुमार साह ने युवाओं को पुलिस की वर्दी, लाठी और फर्जी पहचान पत्र देकर वाहन जांच और शराब तस्करी के खिलाफ छापेमारी जैसे काम सौंपा। वहीं ठगी के शिकार छात्र-छात्राओं ने बताया कि, राहुल के आदेश पर वे गेरूआ घाट और गांधी घाट पुल पर वाहन जांच करते थे और 400 रुपये तक का चालान काटते थे। वहीं बिना हेलमेट या ड्राइविंग लाइसेंस वालों से 400 रुपये का चालान काटा जाता था, जिसमें से 200 रुपये कमीशन के रूप में गस्ती टीम को इनाम दिए जाते थे। शेष राशि राहुल अपने पास रखता था, यह कहकर कि इसे सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा।

राहुल ने मोहनी पंचायत के मध्य विद्यालय बेतौना को फर्जी थाना बनाया, जहां शराब तस्करों से अवैध वसूली की जाती थी। जब्त वाहनों और शराब को छोड़ने के लिए रिश्वत ली जाती थी। पीड़ितों ने बताया कि, गस्ती के लिए सीएनजी ऑटो का इस्तेमाल किया जाता था। जिसमें, चालक पुलिस वर्दी में रहता था। पुलिस अब इस ऑटो के मालिक और राहुल के सहयोगियों की तलाश में है।

हैरानी की बात तो यह है कि, यह फर्जी थाना महीनों से चल रहा था, लेकिन स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। स्थानीय मुखिया श्याम सुंदर उरांव और उनके भतीजे सिणोद उरांव भी इस फर्जी थाने से जुड़े थे। मुखिया ने गणतंत्र दिवस समारोह में फर्जी सिपाहियों और चौकीदारों को सम्मानित भी किया था। साथ ही कई जनप्रतिनिधियों ने भी इस थाने के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं था।

इस मामले को लेकर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और कसबा विधायक मो. अफाक आलम ने पूर्णिया SP कार्तिकेय के. शर्मा से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। विधायक ने सफेदपोश लोगों की संलिप्तता की भी आशंका जताई और विशेष जांच की मांग की। 

इस पूरे मामले को लेकर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।



पूर्णिया से रोहित कुमार की रिपोर्ट

Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp