Patna : राजधानी पटना में लगातार पटना नगर निगम दावे करती है कि, चैंबर की सफाई के साथ-साथ पानी की निकासी के लिए कार्य किया जा रहा है। लेकिन पटना में लगातार बारिश के कारण पॉश इलाकों के साथ कई इलाकों में जल जमाव हो गया है। कई मोहल्ले और कॉलोनियों में पानी भर गया है, इतना ही नहीं घरों में पानी अपने पैर फैलाना शुरू कर दिए है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बता दें कि पटना में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति बन गई है। जिससे नगर निगम की सारे दावे फेल होते नजर आ रहे है।
जलभराव के कारण
अति-सिंचाई : खेतों में, खासकर कम जल निकासी वाले इलाकों में, बहुत ज़्यादा पानी देने से जड़ क्षेत्र में पानी जमा हो जाता है। यह उन इलाकों में आम है जहाँ सिंचाई का नियमन नहीं होता। भारी या लंबे समय तक वर्षा : जब वर्षा का पानी मिट्टी की अवशोषण क्षमता से अधिक हो जाता है, तो पानी जमा हो जाता है।
जल जमाव से प्रभावित क्षेत्र
कई पॉश इलाके जैसे कुर्जी, लोयला हाई स्कूल के पास, यारपुर, कुम्हरार, टीचर्स कॉलोनी, शांति मार्केट, न्यू पाटलिपुत्रा कॉलोनी, राजीवनगर, पाटलिपुत्रा, शिव शक्ति नगर और कस्तूरबा कॉलोनी में जल जमाव हुआ है। 150 से अधिक मोहल्लों में जल जमाव की सूचना है।
जल जमाव से कई समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, कृषि को नुकसान, और बुनियादी ढांचे को नुकसान शामिल हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जलजनित बीमारियां:
जल जमाव से हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस जैसी जलजनित बीमारियां फैल सकती हैं।
मच्छरों का प्रजनन:
जल जमाव मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियां फैल सकती हैं।
पाचन संबंधी समस्याएं:
दूषित पानी के संपर्क में आने से गैस्ट्रोएंटेराइटिस, दस्त और पेचिश जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
कृषि को नुकसान, फसलें खराब:
जल जमाव से फसलें खराब हो सकती हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है।
सड़कों और इमारतों को नुकसान:
जल जमाव से सड़कें, पुल, और इमारतें कमजोर हो सकती हैं और उन्हें नुकसान पहुंच सकता है।
परिवहन में बाधा:
जल जमाव से यातायात बाधित हो सकता है, जिससे लोगों को काम पर जाने और आवश्यक वस्तुओं को लाने-ले जाने में कठिनाई हो सकती है।