Patna : पटना स्थित दानापुर निकट शिवाला मोड़ इस समय दर्दनाक तस्वीर पेश कर रहा है। सड़क चौड़ीकरण के दौरान विस्थापित किए गए महादलित परिवार आज भी भविष्य को लेकर अनिश्चितता और अंधेरे में हैं। करीब 52 परिवार पिछले दो महीने से परती जमीन और मंदिर परिसर में झोपड़ियां डालकर गुजर-बसर करने को मजबूर हैं। बारिश के बाद हालात और बदतर हो गए हैं। झोपड़ियों में घुटने तक गंदा और काला पानी भर गया है, जिसमें कीड़े-मकोड़े पनप रहे हैं और चारों ओर बदबू फैल रही है। परिवारों के पास ना तो भोजन की पर्याप्त व्यवस्था है और ना ही सुरक्षित ठिकाना। कई लोग मंदिरों में शरण लेकर दिन काट रहे हैं।
आपको बता दें कि, सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन जमीनों पर ये परिवार झोपड़ियां डालकर रह रहे हैं। उन जमीन मालिकों ने अब इन्हें हटने की चेतावनी दी है। वहीं, सड़क चौड़ीकरण के समय प्रशासन ने मुआवजा और पुनर्वास का वादा किया था, लेकिन अब तक न तो मुआवजा मिला और न ही किसी तरह की पुनर्वास व्यवस्था की गई है।
पद्मश्री सम्मानित समाजसेवी सुधा वर्गीज ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और इसे प्रशासनिक लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि, "डीएम, एसडीओ, सीओ और बीडीओ को बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है।"
परिवारों का सामान जलजमाव में खराब हो चुका है और महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। सुधा वर्गीज ने सरकार से सभी प्रभावित परिवारों की पहचान कर उन्हें जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र समाधान नहीं निकला तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
दानापुर से पशुपतिनाथ शर्मा की रिपोर्ट
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