Patna : बिहार में वोटर लिस्ट (SIR) को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। इसको लेकर तेजस्वी यादव ने हमला बोला है। उन्होंने अपने 'X'पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार में कुल 𝟕 करोड़ 𝟗𝟎 लाख मतदाता है। कल्पना कीजिए, बीजेपी के निर्देश पर अगर मिनिमम 𝟏 प्रतिशत मतदाताओं को भी छाँटा जाता है तो लगभग 𝟕 लाख 𝟗𝟎 हज़ार मतदाताओं के नाम कटेंगे। यहाँ हमने केवल 𝟏 प्रतिशत की बात की है जबकि इनका इरादा इससे भी अधिक 𝟒-𝟓% का है।
अगर हम इस एक प्रतिशत को यानि 𝟕 लाख 𝟗𝟎 हज़ार मतदाताओं को 𝟐𝟒𝟑 विधानसभा क्षेत्रों से विभाजित करते है तो प्रति विधानसभा 𝟑𝟐𝟓𝟏 मतदाताओं का नाम कटेगा। (𝟕,𝟗𝟎,𝟎𝟎𝟎/𝟐𝟒𝟑 = 𝟑𝟐𝟓𝟏)
बिहार में कुल 𝟕𝟕,𝟖𝟗𝟓 पोलिंग बूथ है और हर विधानसभा में औसतन 𝟑𝟐𝟎 बूथ है। अब अगर एक बूथ से 𝟏𝟎 वोट भी हटेंगे तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 𝟑𝟐𝟎𝟎 मत हट जायेंगे। (𝟑𝟐𝟎*𝟏𝟎 =𝟑,𝟐𝟎𝟎)
अब विगत दो विधानसभा चुनावों के क्लोज मार्जिन से हार-जीत वाली सीटों का आंकड़ा देखें तो 𝟐𝟎𝟏𝟓 विधानसभा चुनाव में 𝟑 हज़ार से कम मतों से हार-जीत वाली कुल 𝟏𝟓 सीटें थी एवं 𝟐𝟎𝟐𝟎 के चुनाव में 𝟑 हज़ार से कम वोटों से हार-जीत वाली कुल 𝟑𝟓 सीटें थी।
अगर 𝟓 हज़ार से कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों को गिने तो 𝟐𝟎𝟏𝟓 में 𝟑𝟐 सीटें और 𝟐𝟎𝟐𝟎 में ऐसी कुल 𝟓𝟐 सीटें थी।
चुनाव आयोग के माध्यम से बीजेपी का निशाना अब ऐसी हर सीट पर है। ऐसी ही सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों के बहाने से ये लोग वोट छाँटना चाहते है। लेकिन हम सब सतर्क है, हमारे कार्यकर्ता हर जगह हार घर जाकर इनकी बदनीयती का भंडाफोड़ करते रहेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।
बिहार में कुल 𝟕 करोड़ 𝟗𝟎 लाख मतदाता है। कल्पना कीजिए, बीजेपी के निर्देश पर अगर मिनिमम 𝟏 प्रतिशत मतदाताओं को भी छाँटा जाता है तो लगभग 𝟕 लाख 𝟗𝟎 हज़ार मतदाताओं के नाम कटेंगे। यहाँ हमने केवल 𝟏 प्रतिशत की बात की है जबकि इनका इरादा इससे भी अधिक 𝟒-𝟓% का है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 16, 2025
अगर हम इस एक… pic.twitter.com/ZAbCvF8TnF