Patna :- दिल्ली में मिली भारी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कार्यालय में नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जिसमें उन्होंने दिल्ली में मिली जीत को लेकर वहां के लोगों को बधाई शुभकामनाएं देते हुए धन्यवाद किया. दिल्ली में बीजेपी को मिली भारी जीत में कांग्रेस का भी योगदान माना जा रहा है, क्योंकि कई सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी की वजह से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी की हार हुई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर दिए अपने भाषण में आम आदमी पार्टी के नेताओं के अहंकार को लेकर निशाना सड़क तो कांग्रेस को परजीवी बताते हुए सहयोगी दलों को सचेत रहने की सलाह दी. उन्होंने जम्मू कश्मीर,तमिलनाडु, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों की चर्चा करते हुए बिहार को भी फोकस किया और कहा कि लालू और तेजस्वी जिस मुद्दे पर राजनीति करते हैं उसी को फोकस करके कांग्रेस उन्हें कमजोर करने में लगी है. प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी बिहार को दिल्ली ना समझे यहां वैसा कुछ नहीं होने वाला है बिहार में राजद कांग्रेस और वामपंथी दल एकजुट है और इस विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करेंगे. बीजेपी दिल्ली में जो वादा करके आई है उसे पूरा करने में ध्यान दें बिहार में उसकी यह राजनीति नहीं चलने वाली है.
वहीं राजद के साथ ही कांग्रेस ने भी पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा कि बीजेपी की पृष्ठभूमि और चाल चरित्र सबको पता है जिसके साथ जाती है उसी को खा जाती है और सहयोगी दलों को ही टुकड़े-टुकड़े कर देती है. बिहार में चाचा और भतीजा की लोजपा को दो खंड कर दिया और यह अब आपस में ही लड़ रहे हैं महाराष्ट्र में भी शिवसेना को दो खंड कर दिया पंजाब की अकाली दल का अस्तित्व खत्म कर दिया. बिहार में राजद कांग्रेस और वामपंथी दल एकजुट है और इसी एक जुट के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और बिहार की वर्तमान नीति सरकार को हराएंगे.
बताते चलें कि बिहार में भी राजद और कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर दबाव की राजनीति पिछले दिनों से कर रही थी, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट में यह मैसेज दे दिया कि अगर यहां एकजुटता से चुनाव नहीं लड़े तो दिल्ली वाली स्थिति ही बिहार में भी हो सकती है, और विपक्ष का सफाया हो सकता है. इसलिए अब इस चुनाव में राजद कांग्रेस और वामपंथी दलों को निश्चित रूप से एकजुटता के साथ चुनाव लड़ना होगा.