पटना: नियोजित शिक्षक को विद्यालय आवंटन करने के मामले में घूस मांगने के आरोपी एक प्रखंड शिक्षा प्रसार अधिकारी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए दो वर्ष का सश्रम कारावास और 20 हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने के एवज में एक महीने की अतिरिक्त जेल की सजा होगी। मामले में कोर्ट ने 18 वर्षों बाद आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
मामला भोजपुर के कोइलवर का है जहां वर्ष 2007 में एक नियोजित शिक्षक राजीव रणविजय कुमार को विद्यालय आवंटन के बदले में तत्कालीन BEO सूर्यकान्त सिंह ने घूस की मांग की थी। शिक्षक की शिकायत पर निगरानी की टीम ने छापेमारी कर 23 हजार रूपये घूस लेते हुए उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद मामला कोर्ट में गया और 2007 से लगातार सुनवाई जारी थी।
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मामले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के इंस्पेक्टर परमानन्द सिंह की जांच रिपोर्ट और बिहार सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक किशोर कुमार सिंह की वकालत ने तत्कालीन BEO सूर्यकान्त सिंह को कोर्ट में दोषी साबित किया जिसके बाद निगरानी कोर्ट के न्यायाधीश मो रुस्तम ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। बता दें कि वर्ष 2025 में अब तक भ्रष्टाचार के विभिन्न मामले में 28 केसों में न्यायलय ने आरोपियों को सजा सुनाई है।
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