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GBS बीमारी के इलाज और जागरूकता को लेकर CM हेमंत सोरेन ने की बैठक..

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Ranchi:-गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS )बीमारी के संक्रमण की रोकथाम एवं चिह्नित मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समीक्षा बैठक की, इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूरी जानकारी लेते हुए कई तरह के निर्देश दिए. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी ऑनलाइन जुड़े.

 रांची के  कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ  बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, निदेशक रिम्स प्रो० (डॉ०) राज कुमार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबू इमरान मौजूद रहे वहीं वर्चुअल माध्यम से मंत्री और सभी जिलों के उपायुक्त तथा सिविल सर्जन उपस्थित रहे.
 मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी से ग्रस्त मरीजों की पहचान करने एवं अस्पतालों में उनके समुचित इलाज की विशेष व्यवस्था रखें. जीबीएस के संक्रमण से बचने के लिए राज्य में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के किसी स्थान पर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम जांच की एक निःशुल्क सेंटर स्थापित करें. सभी अस्पतालों में बेड,दवा,मेडिकल ऑक्सीजन इत्यादि की पुख्ता व्यवस्था रखें. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बीमारी से संबंधित कोई भी केस मिलने पर तत्काल रिम्स रेफर करें. संदिग्ध मरीजों को रिम्स तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम को अलर्ट रखें ताकि ससमय मरीज को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सके. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि इस बीमारी से संबंधित न्यूज,एक्टिविटीज एवं अपडेट पर पैनी नजर रखें ताकि बीमारी के खतरे की तैयारी समय रहते की जा सके. बीमारी के इलाज में किसी को कई दिक्कत न हो यह भी सुनिश्चित करें.

समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई कि यह बीमारी दूषित जल और कच्चा भोजन सेवन करने से फैलता है. लोगों में इस बीमारी को लेकर कोई भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो यह सुनिश्चित किए जाएं. यह बीमारी कोरोना संक्रमण की तरह एक-दूसरे से नहीं फैलता है. इसलिए इस बीमारी से बहुत घबराने की जरूरत नहीं है,लोगों के बीच यह संदेश पहुंचाएं. जागरूकता ही इस बीमारी से बचने का सबसे बेहतर माध्यम है.

 

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