मुख्यमंत्री ने गयाजी में पितृपक्ष मेला महासंगम-2025 की तैयारियों की समीक्षा की, अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश
गया जी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गयाजी के विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने फल्गू नदी के किनारे पितृपक्ष मेला महासंगम-2025 की तैयारियों को लेकर घाटों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री गयाजी समाहरणालय पहुंचे और समाहरणालय सभागार में पितृपक्ष मेला महासंगम-2025 की तैयारियों से संबंधित समीक्षा बैठक की।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पितृपक्ष मेला महासंगम-2025 की तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान पितृपक्ष मेला पर आधारित एक लघु फिल्म प्रस्तुत की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेला महासंगम का आयोजन 06 सितंबर, 2025 से 21 सितंबर, 2025 तक निर्धारित है। सभी महत्वपूर्ण वेदियों एवं घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए अच्छी और सभी प्रकार की व्यवस्था की गयी है। कार्य समितियों का गठन कर पदाधिकारियों को बेहतर व्यवस्था के संचालन की जिम्मेवारी दी गयी है। जिलाधिकारी ने पितृपक्ष मेला के दौरान आवासन, साफ-सफाई, जलापूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य, विद्युत व्यवस्था, वृद्ध एवं दिव्यांगजन के लिए आवागमन की व्यवस्था, यातायात सुविधा एवं विधि-व्यवस्था को लेकर की जा रही तैयारियों के संबंध में भी जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पितृपक्ष मेला में देश के कोने-कोने एवं विदेशों से तीर्थयात्री बड़ी संख्या में श्रद्धाभाव से अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने गयाजी की मोक्षभूमि आते हैं। पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक एवं बेहतर तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि हर वर्ष पितृपक्ष मेला की तैयारियों का जायजा लेने हम यहां आते हैं और यहां आनेवाले श्रद्धालुओं की हर प्रकार की सुविधाएं सुनिश्चित की जाती है।
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समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पितृपक्ष मेला में बड़ी संख्या में लोग श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं। यहां साफ-सफाई एवं स्वच्छता का पूरा प्रबंध रखें। घाटों, तालाबों एवं रास्तों की नियमित रूप से सफाई होनी चाहिए। तालाबों की स्वच्छता का विशेष रुप से ख्याल रखें क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु तालाबों में स्नान करते हैं इसलिए पानी की स्वच्छता के साथ-साथ उसकी निकासी भी आवश्यक है। फल्गू नदी में निरंतर जलस्तर संधारण हेतु गयाजी डैम का निर्माण कराया गया है ताकि पिंडदानियों को तर्पण करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो। यहां के जल को भी स्वच्छ रखें। असामाजिक तत्वों पर विशेष निगाह रखें। श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा एवं सहूलियत का पुख्ता इंतजाम रखें।
उन्होंने कहा कि गयाजी ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थल है। यहां का अतीत गौरवशाली है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश के अन्य हिस्सों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आते हैं। अब इनकी संख्या और बढ़ेगी, इसको ध्यान में रखते हुए सारी तैयारी पूर्ण रखें। ऐसी व्यवस्था रखें कि सभी लोग यहां से अच्छा अनुभव लेकर जाएं। समीक्षा बैठक के दौरान पंडा समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री द्वारा गयाजी के विकास के लिए किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद दिया और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गयाजी में गंगाजल को पहुंचाकर अद्भुत कार्य किया है। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।
समीक्षा बैठक में जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, गया जिले के प्रभारी मंत्री सह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार, सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, विधायक मनोरमा देवी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, विधान पार्षद जीवन कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह, गया के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
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