कैबिनेट का फैसला : आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं का मानदेय 1 सितंबर से ही लागू! गांव की मातृशक्ति को सम्मान: सेविकाओं का मानदेय बढ़ाकर नीतीश सरकार ने दिया भरोसे का संबल। आंगनबाड़ी सहायिकाओं की मुराद पूरी, कुपोषण से लड़ने वाली महिला शक्ति को सरकार का उपहार! 1 सितंबर से शुरू किया नया अध्याय! सेविकाओं को 9,000 रूपये और सहायिकाओं को 4,500 रूपये का सम्मान। कुपोषण से लड़ने वाली महिला शक्ति को सरकार का उपहार! हर साल 345 करोड़ से ज्यादा खर्च करेगी बिहार सरकार। सीएम नीतीश ने वादा किया पूरा! आंगनबाड़ी कर्मियों को मिला सम्मान और अतिरिक्त सहारा
पटना: आज बिहार की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए बेहद खास दिन है। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के बाद आज मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय बढ़ोतरी को औपचारिक मंजूरी दे दी है। अब सेविकाओं को हर महीने 9,000 रुपये और सहायिकाओं को 4,500 मानदेय मिलेगा।
1 सितंबर से ही लागू होगा बढ़ा मानदेय
बताते चलें अब तक सेविकाओं को 7,000 रुपये और सहायिकाओं को 4,000 रुपये मिलते थे। यानी सेविकाओं के मानदेय में 2,000 रुपये और सहायिकाओं के मानदेय में 500 रुपये का इजाफा हो गया है। इसके अलावा दूसरी खुशी की बात ये है कि ये मानदय का नया प्रावधान 1 सितंबर 2025 से लागू होगा। यानी इसी महीने से लागू कर दिया गया है।
345 करोड़ का अतिरिक्त बजट मंजूर
कैबिनेट की ओर से मानदेय स्वीकृति पर बिहार सरकार को इस मद पर हर साल अतिरिक्त 345 करोड़ 19 लाख 20 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। नीतीश कैबिनेट की ओर से इस राशि को मंजूर कर दिया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इस मानदेय बढ़ोतरी से आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की कार्य गुणवत्ता में सुधार होगा।
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इसलिए अहम है यह फैसला
आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं गांव-गांव में कुपोषण दूर करने, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण सुधारने में अहम भूमिका निभाती हैं। लंबे समय से इनके मानदेय बढ़ाने की मांग की जा रही थी। ऐसे में चुनावी साल में यह कदम नीतीश सरकार के लिए काफी अहम माना जा रहा है। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की रीढ़ मानी जाने वाली आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के चेहरे पर अब मुस्कान लौट आई है।
2.5 लाख सेविकाओं और सहायिकाओं को सीधा लाभ
याद दिला दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले की जानकारी एक दिन पहले ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर साझा की थी। अब कैबिनेट से मंजूरी मिल जाने के बाद राज्यभर की करीब 2.5 लाख सेविकाओं और सहायिकाओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा। बिहार में 1 लाख 20 हजार आंगन बाड़ी केंद्र हैं। हर केंद्र पर एक सेविका और एक सहायिका की आवश्यकता की आवश्यकता होती है।