Aurangabad :-प्रगति यात्रा पर मंगलवार को यहां आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने औरंगाबाद जिले में 554 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की कुल 195 विकासात्मक योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।
इनमें 127.43 करोड़ रुपये की लागत से 79 योजनाओं का उद्घाटन एवं 428.76 करोड़ रुपये की लागत से 116 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड के बेढनी में नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर उद्धघाटन किया। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन में पुस्तकालय, मुखिया कक्ष, राजस्व कर्मचारी कार्यालय, पंचायत सचिव कक्ष आदि का जायजा लिया। साथ ही बेढ़नी पंचायत के महादलित टोला का भ्रमण कर मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना के तहत निर्मित पक्की गली नली, हर घर नल का जल योजना, आवास योजना, मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, सामुदायिक भवन सह वर्कशेड का मुआयना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से बातचीत भी की। मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध सूर्य मंदिर, देव में पूजा अर्चना कर राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। सिंचाई कॉलोनी देव में प्रस्तावित रिंग रोड निर्माण एवं मेडिकल कॉलेज औरंगाबाद के लिए चिहिन्त भूमि का स्थल निरीक्षण किया। स्थल निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों ने साइट मैप के माध्यम से प्रस्तावित सूर्य कुंड, देव से देव बाईपास(रिंग रोड) को जोड़नेवाली सड़क के निर्माण कार्य एवं नगर पंचायत देव में रिंग रोड के निर्माण कार्य के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यहां बनने वाले मेडिकल कॉलेज औरंगाबाद तक आवागमन सुगमता पूर्वक हो सके, इसके लिए बेहतर सड़क संपर्कता प्रदान करना सुनिश्चित कराएं। पर्यटन विभाग द्वारा देव स्थित सूर्य कुंड एवं रूद्र कुंड परिसर में कराए जा रहे विकास कार्यों का मुख्यमंत्री ने जायजा लिया। जायजा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि रुद्र कुंड का काफी अच्छे ढंग से विकास हो गया है। इसके चारों तरफ अच्छे ढंग से घाट भी बन गया है। अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सूर्य कुंड में हमेशा पानी रहे, इसके लिए इसे और गहरा करायें। सूर्य कुंड का सौंदर्गीकरण भी ठीक ढंग से हो ताकि यहां आनेवाले छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित रेडियल रोड निर्माण हेतु चिन्हिनत स्थल का भी निरीक्षण किया।अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी छठ पूजा से पहले इस रेडियल रोड का निर्माण कार्य पूर्ण कराएं। इस सड़क के बन जाने से छठ महापर्व के दौरान यहां आनेवाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि यहां देव में काफी प्राचीन एवं प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है। यहां छठ पूजा के दौरान बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद सदर अस्पताल परिसर में नवनिर्मित मॉडल अस्पताल भवन का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन किया। नवनिर्मित मॉडल अस्पताल, औरंगाबाद के बहुमंजिला भवन का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह मॉडल अस्पताल भवन 9 मंजिला है, इसमें यथाशीघ्र लिफ्ट लगाने का प्रबंध सुनिश्चत करें, इससे मरीज ऊपरी फ्लोर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पार्क, औरंगाबाद में अदरी नदी पर प्रस्तावित रिवर फ्रंट निर्माण कार्य का मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण कर अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये। गौरतलब है कि अदरी नदी, औरंगाबाद शहर के बीच से गुजरती है, जो पुनपुन नदी की एक सहायक नदी है। इसका उद्गम स्थल देव प्रखंड के अदरी गांव से माना जाता है। यह नदी धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्व रखती है, इस नदी के किनारे दूर-दराज एवं आस-पास के लोगों द्वारा छठ महापर्व मनाया जाता है। शहर के बीचों-बीच से गुजरने के कारण यह पर्यटन एवं शहरी सौन्दर्य के दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व रखती है। अतः इस योजना में अदरी नदी के सौन्दर्गीकरण एवं रिवर फ्रांट डेवलपमेंट का कार्य प्रस्तावित है। कामाबिगहा (एनएच-19) से एपीजे अब्दुल कलाम पार्क, औरंगाबाद के बीच विभिन्न स्थलों पर 1500 मीटर लंबाई में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्य को शामिल किया जाना प्रस्तावित है। कामाबिगहा (एनएच-19) से एपीजे अब्दुल कलाम पार्क औरंगाबाद के बीच विभिन्न स्थलों पर कुल सात अदद ओपेन जिम, पार्क, आरसीसी चेयर, वृक्षारोपण आदि के कार्य को शामिल किया जाना प्रस्तावित है। एकीकृत जलनिकासी कार्य के लिए अदरी नदी के सामानांतर 2500 मीटर मुख्य नाले का निर्माण प्रस्तावित है ताकि शहर के छोटे-छोटे निकासी नालियों को इस नाले में जोड़ते हुए गंदे पानी को शहर से बाहर नदी में जोड़ा जाए ताकि शहर में नदी प्रदूषित न हो सके तथा प्राकृतिक रुप से इस नाले का पानी (सेल्फ प्यूरीफिकेशन) साफ हो सके। अदरी नदी के दायें बांध पर सेवा पथ का निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य को शामिल किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के तहत नवनिर्मित डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय, कुशी, औरंगाबाद का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय कुशी के नवनिर्मित भवन का निरीक्षण कर पुस्तकालय, बहुद्देशीय कक्ष, विद्यालय प्रांगण आदि का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने छात्राओं से बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि आप सभी खूब मन लगाकर पढिये। यहां काफी सुंदर एवं भव्य विद्यालय भवन बन गया है। हम यही चाहते हैं कि आप सभी स्थिर ढंग से पढ़िये और निरंतर आगे बढिए।
जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल के अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री ने लाभुकों को मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना की सांकेतिक चाबी, आयुष्मान कार्ड, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना(वर्ष 2024-2025) के तहत 147 चयनित लाभुकों को प्रथम किश्त के रुप में 2 करोड़ 94 लाख रुपये का सांकेतिक चेक, मुख्यमंत्री निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक आदि लाभुकों को प्रदान किया। इस दौरान जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी काफी अच्छे ढंग से काम कर रही हैं। हमलोगों को जब बिहार में काम करने का मौका मिला, उस समय यहां स्वयं सहायता समूह की संख्या न के बराबर थी। इसको हमने बढ़ाने का निर्णय लिया और वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर काम शुरू कराया। स्वयं सहायता समूह का नाम हमने ही जीविका दिया। हमने जीविका से जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी नाम दिया। उस समय की केंद्र सरकार ने हमारे इस काम से प्रेरित होकर पूरे देश में इसका नाम आजीविका कर दिया। आप सभी बुंलद रहिए। आप सभी को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। हमलोगों ने शहरी क्षेत्रों में भी जीविका स्वयं सहायता समूह के गठन का कार्य शरू करा दिया है। इस दौरान
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में हमने देखा कि यहां स्वयं सहायता समूहों की संख्या नाम मात्र की है तब हमलोगों ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ानी शुरू की। हमने ही स्वयं सहायता समूह का नाम जीविका दिया जिससे प्रेरित होकर तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसका नाम आजीविका किया। हमने जीविका से जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी नाम दिया। शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का विस्तार किया जा रहा है। जीविका से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन रही हैं। इससे बिहार की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है। उनका पहनावा और बोलचाल भी काफी अच्छा हो गया है। वे लोगों से बेहिचक होकर बातें करने लगी हैं। आपलोग भी जीविका दीदियों के कार्यों एवं उनके जीवन में आए बदलाव के बारे में लोगों को बताएं।
औरंगाबाद से गणेश की रिपोर्ट