पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1, अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' से 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की 25 लाख लाभुक महिलाओं के खाते में 10 हजार रूपये प्रति लाभुक की दर से 2500 करोड़ रूपये की राशि का अंतरण किया।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों द्वारा 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' का शुभारंभ 26 सितम्बर 2025 को किया गया था, उस दिन 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार' योजना के अंतर्गत राज्य की 75 लाख महिला लाभुकों को 10 हजार प्रति लाभुक की दर से 7500 करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गयी थी। आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा 25 लाख महिला लाभुकों को 10 हजार रूपये प्रति लाभुक की दर से 2500 करोड़ रूपये की राशि डीबीटी के माध्यम से अंतरित की गयी। अब तक कुल 1 करोड़ लाभुक महिलाओं के खाते में 10 हजार करोड़ रूपये की राशि अंतरित की गयी है।
आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस से बड़ी संख्या में जुड़ी सभी माताओं-बहनों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। बहुत खुशी की बात है कि आज 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के अंतर्गत 25 लाख महिलाओं को 10 हजार रुपये की दर से सभी के खाते में सहायता राशि भेजी जा रही है। कुछ दिन पहले 26 सितम्बर, 2025 को आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस योजना का शुभारंभ किया था जिसमें 75 लाख महिलाओं को यह सहायता राशि दी गयी थी।
इस प्रकार पहले 75 लाख महिलाओं को राशि दी गयी और आज 25 लाख महिलाओं को राशि दी जा रही है यानि अब कुल 1 करोड़ महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल जायेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का फायदा राज्य के हर एक परिवार की एक महिला को दिया जाना है। इसलिए अब जो महिलाएं शेष रह गयी हैं उन्हें 10 हजार रूपये की सहायता राशि देने के लिए अभी से ही तिथियाँ निर्धारित कर दी गयी हैं। अगली तिथि 6 अक्टूबर 2025 को निर्धारित है और उसके बाद लगभग हर सप्ताह राशि बैंक खाते में भेजी जायेगी। जिनका रोजगार अच्छा चलेगा उन्हें आगे 2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकार ने कोई काम नहीं किया। पहले बहुत बुरा हाल था। जब 24 नवंबर, 2005 को एन०डी०ए० (जदयू-भाजपा) की सरकार बनी थी, तब से हम लोग बिहार के विकास में लगे हुये हैं और राज्य में कानून का राज है। सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है, चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, सभी काम किये जा रहे हैं। शुरू से ही महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरूआत की गयी। वर्ष 2013 से पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। वर्ष 2016 से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।
उन्होंने कहा कि पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसे 'जीविका' नाम दिया। अब स्वयं सहायता समूह की संख्या लगभग 11 लाख हो गयी है जिसमें जीविका दीदियों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख हो गयी है। वर्ष 2024 से शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन हो रहा है जिनकी संख्या 37 हजार हो गयी है जिसमें लगभग 3 लाख 85 हजार जीविका दीदियों हैं, गठन लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के विकास में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। राज्य में विकास के कई कार्य किये जा रहे हैं और बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सभी माताएँ-बहनें इस 10 हजार रुपये की राशि से अच्छा रोजगार शुरू करेंगी। इससे आपका परिवार खुशहाल होगा तथा राज्य एवं देश का और तेजी से विकास होगा। इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य लोगों का मैं आभार व्यक्त करता हूँ।
इस अवसर पर 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' पर आधारित एक लघु फिल्म की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। आज के कार्यक्रम में 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की 1 करोड़वीं लाभार्थी अंजु कुमारी जो समस्तीपुर जिला के उजियारपुर प्रखण्ड की रहनेवाली कमल जीविका समूह से जुड़ी जीविका दीदी हैं, वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ी हुयी थीं। अंजु कुमारी ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपना अनुभव साझा करते हुये बताया कि जीविका समूह से जुड़ने के बाद मेरे जीवन में व्यापक बदलाव आया है। जीविका से जुड़ने के साथ ही 20 हजार रूपये कर्ज लिया और दो कट्ठा खेत में सब्जी उत्पादन किया। सब्जी उत्पादन से लाभ हुआ और उस पैसे से कर्ज चुकता किया। उसके बाद 50 हजार रूपये कर्ज लेकर दुधारू जानवर खरीद कर दूध की बिक्री का कार्य किया। कर्ज लौटाने के बाद फिर से जीविका समूह से 50 हजार रूपये कर्ज लिया और हल्दी की खेती शुरू की, जिससे मुझे काफी लाभ हुआ। आज जो 10 हजार रूपये मुझे 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत मिल रहा है उससे किराना दूकान करूँगी।
हमलोगों के जीवन में जो बदलाव आया है, वो मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की देन है। मुख्यमंत्री नीतीश कमार के चलते हम बेटी, बहनों को समाज में काफी सम्मान मिल रहा है। मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत 400 रूपये से 1100 रूपये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर दिया है जिससे मेरे सास-ससुर को 1100 रूपये मिल रहे हैं यानि मेरे घर में 2200 रूपये वृद्धजन पेंशन योजना से आ रहा है। इसका उपयोग मेरे सास-ससुर अपने लिये कर रहे हैं और वे काफी खुश हैं। मुख्यमंत्री ने 125 यूनिट बिजली फ्री किया है, जिसका हमलोग सदुपयोग कर रहे हैं। हमारे बच्चे अच्छे ढंग से पढ़ रहे हैं। जब हमारी शादी हुयी थी तो शौचालय नहीं था, जिसको लेकर हमने काफी कष्ट झेला है।
अब शौचालय का निर्माण हुआ तो हम बेटी-बहुओं का सम्मान बढ़ा है। आपकी बदौलत हर बेटी पढ़ रही है, आगे बढ़ रही है। राज्य की बेटी-बहू अपनी तकदीर बना रही है। आपने राज्य की महिलाओं के लिये बहुत कुछ किया है। जीविका समूह नहीं होता तो हमलोग का जीवन बहुत मुश्किल होता। आपने जीविका बनाकर हम सभी महिलाओं को काफी आगे बढ़ाया है। हम सभी महिलायें आपका आभार प्रकट करते हैं और बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, विकास आयुक्त डॉ एस सिद्धार्थ, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा, जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी, लाभार्थी एवं गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुये थे।