Ara - बिहार की सत्ताधारी और विपक्षी दल 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. बिहार की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी भाकपा माले (CPIML) 9 मार्च 2025 को बड़ी रैली करने जा रही है, इस रैली का नाम 'बदलो बिहार महाजुटान रखा गया है. पार्टी के नेताओं द्वारा इस रैली की तैयारी अभी से ही की जा रही है.
इसको लेकर भोजपुर जिले के नागरीप्रचारिणी सभागार में ‘बदलो बिहार महाजुटान’ कार्यकर्ता कन्वेंशन का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न प्रखण्डों से पार्टी कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही.। मुख्य वक्ता के बतौर माले राज्य सचिव कुणाल, वरिष्ठ पार्टी नेता स्वेदश भट्टाचार्य, जिला सचिव जवाहरलाल सिंह सहित केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव, शिवप्रकाश रंजन ,अगिआंव विधायक, इंसाफ़ मंच राज्य सचीव कयामुद्दीन अंसारी, आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार, पार्टी के प्रखण्ड सचिव रमेश , उपेंद्र भारती, चन्द्रदीप सिंह, रघुवर पासवान, कमलेश यादव शामिल हुए.
मुख्य वक्ता के बतौर कनेवशन को संबोधित करते हुए राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि करीब दो दशकों से मौजूद भाजपा-जदयू शासन के पूरी तरह बेनकाब हो जाने के बाद बिहार आज बदलाव के मुहाने पर है। संक्रमण के इस दौर का लाभ उठाकर राज्य में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण और झूठ के सहारे भाजपा अकेले सत्ता हथियाने की फिराक में है।
उन्होंने कहा कि विगत दिनों हमारी पार्टी द्वारा चलाया गया हक दो-वादा निभाओ अभियान और बदलो बिहार न्याय यात्रा में हमें जनता का अपार समर्थन मिला है। इसमें जनता की बिहार में बदलाव की आकांक्षा भी परिलक्षित हुई है।
उन्होंने कहा कि बिहार की तथाकथित डबल इंजन सरकार के अन्याय, बदलाव की ताकतों को कुचल देने और बिहार को पीछे धकेलने की साजिशों के खिलाफ चौतरफा आंदोलनों को तेज करना है. यह कन्वेंशन लोगों के जीवन-जिंदगानी, सामाजिक न्याय, आर्थिक सुरक्षा, सुरक्षित रोजगार, भूमि पर अधिकार, लाभकारी खेती जैसे बदलाव के एजेंडे को नई ऊर्जा देने के लिए आयोजित है. 9 मार्च को पटना में होने वाले महाजुटान को विभिन्न आंदोलनरत सामाजिक समूहों का एक साझा मंच बना देना है. उनकी गोलबंदी में अभी से एक-एक कार्यकर्ता को लग जाना है.
बिहार में 20 सालों में विकास नहीं बकवास हुआ है. पुल-पुलिया ध्वस्त हो रहे हैं, विकास हुआ है तो भ्रष्टाचार का विकास हुआ है. जिन अधिकारियों के भरोसे सरकार चल रही है आज वे जेल के पीछे हैं. दूसरी ओर आंदोलनरत नेताओं को उठाकर जेल में डाल दिया जा रहा है.बिहार की जनता में बदलाव की तीव्र आकांक्षा है. पार्टी द्वारा चलाए गए ‘हक दो-वादा निभाओ’ और ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ के दौरान यह खुलकर सामने आया.
कन्वेशन ने यह तय किया कि बदलो बिहार महाजुटान में सिर्फ भोजपुर जिले से 50 हजार की संख्या में किसान - मजदूर, छात्र - नौजवान महिला शामिल होंगे।
आरा से राजेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट