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फायरिंग मामले में अनंत सिंह और सोनू,-मोनू पर केस दर्ज, बड़ा सवाल कार्रवाई के लिए किसके आदेश का इंतजार..

Case filed against Anant Singh and Sonu Monu in firing case,

Barh :-पटना जिले के मोकामा के पंचमहला थाना क्षेत्र के जलालपुर नौरंगा में हुई गोलीबारी के प्रकरण में  पुलिस ने तीन प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें मुखिया के बेटे सोनू मोनू के साथ ही मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ भी  केस दर्ज किया गया है, पर बड़ा सवाल उठता है कि इस चुनावी साल में पटना पुलिस पूर्व विधायक अनंत  सिंह के खिलाफ कार्रवाई करेगी, क्योंकि हाल के दिनों में अनंत सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच नजदीकियां बढ़ी है, लोकसभा चुनाव में परोक्ष रूप से उनका समर्थन लिया गया था और विधानसभा चुनाव की तैयारी खुद अनंत सिंह चुनाव लड़ने के लिए कर रहे हैं. पुलिस केस दर्ज करने के बाद अभी छानबीन की बात कह रही है यानी अभी  पुलिस कार्रवाई करने से पहले सीनियर अधिकारियों या कहें तो सरकार के आदेश का इंतजार कर रही है.


 केस के संबंध में बाढ़ के एएसपी  राकेश कुमार ने बताया कि इस मामले में मुखिया कुमारी उर्मिला सिन्हा के लिखित आवेदन के आधार पर पंचमहला थाना में कांड संख्या 05/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 23, 27 आर्म्स एक्ट, 109(7) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। वहीं दूसरा एफआईआर पंचमहला थानाध्यक्ष प्रहलाद कुमार झा के द्वारा मुकेश कुमार के घर में पैसे के लेनदेन को लेकर सोनू कुमार एवं उसके भाई मोनू कुमार के द्वारा मुकेश कुमार के घर के मुख्य गेट पर ताला मार दिया गया था। पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता करने को लेकर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और पुलिस कर्मियों के साथ धक्का मुक्की करने तथा अभद्र शब्दों का प्रयोग तथा सार्वजनिक स्थल पर फायरिंग कर दहशत फैलाने को लेकर अनंत सिंह एवं सोनू-मोनू के ऊपर केस दर्ज किया गया है। धारा 191 (2,3)/धारा 190/223ए/132/ 109(1)/352/351(2) एवं धारा 27 शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं तीसरा एफआईआर मुकेश कुमार सिंह के लिखित आवेदन के आधार पर 4 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिनके खिलाफ मुकेश कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनमें मोनू कुमार, सोनू कुमार, उनके पिता प्रमोद कुमार सिंह एवं गौतम कुमार का नाम शामिल है।इन चारों के खिलाफ भी कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इस प्रकार इस पूरे प्रकरण में तीन एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच पड़ताल करने में जुट गई है। केस दर्ज होने के बाद अनंत सिंह ने कहा कि वे इस तरह के FIR  से नहीं डरते हैं और जेल जाने के लिए हर समय तैयार रहते हैं. केस करने से कुछ नहीं होने वाला है. वहीं दूसरे पक्ष का आरोपी मोनू भी मीडिया के समक्ष आकर अपनी बात रख रहा है.

 बताते चलें कि  मोकामा में पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह और सोनू मोनू गैंग के पीछे कई राउंड फायरिंग हुई. दोनों एक दूसरे पर पहले फायरिंग करने का आरोप लगा रहे हैं. अनंत सिंह ने कहा है कि वे समझाने के लिए सोनू मोनू के घर गए थे, पर उन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी.वहीं सोनू के मुताबिक अनंत सिंह अपने लोगों के साथ उनके घर में आए थे। उस समय वो अपने खेत पर काम कर रहे थे। सोनू कुमा ने कहा कि जब मैं वापस आया तो देखा कि वे यहां गाली-गलौज कर रहे हैं और फायरिंग कर रहे हैं। सोनू कुमार ने कहा कि अनंत सिंह उनके खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं। ये राजनीतिक साजिश है। 

वहीं अनंत सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र के एक व्यक्ति मुकेश कुमार सिंह के घर में ताला जड़ दिया गया था, जिसकी पंचायती के लिए वो वहां गए थे। लेकिन जब सोनू मोनू को बुलाया गया तब उनके द्वारा गोलीबारी शुरू कर दी गई।


मोकामा के बाहुबली विधायक अनत सिंह और सोनू मोनू के बीच हुए फायरिंग के मामले में पटना के तकनीकी विभाग के टीम भी जांच के लिए सोनू मोनू के घर पहुंची. घर के सदस्यों ने एफएसएल एवं तकनीकी विभाग की टीम को पांच और गोली के खोखे दिए हैं। बताया जाता है कि सुबह में स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा रास्ते से खोखे को बरामद किया और मुखिया के समक्ष पेश किया है.

इस घटना के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है। पुलिस गंभीरता को देखते हुए वहां पुलिस टीम के तैनाती कर दी गई है। वहीं लोकल पुलिस भी पेट्रोलिंग कर रही है। वहीं दोनों पक्षों द्वारा मीडिया में बयान बाजी की और आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। दोनों एक दूसरे को देख लेने की भी बात कह रहे हैं। इस घटना के बाद इलाके के लोग सहमे हुए हैं। कि कहीं मोकामा में फिर से गैंगवार प्रारंभ ना हो जाए। 


बिहार के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा कि ताबड़तोड़ गोलियां चली और कोई कार्रवाई नही की गई। दोनों पक्ष के लोग लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं। अपराधियों के जेल से बाहर निकाला गया था। हमारी सरकार आने पर जेल में डाला जाएगा। बिहार में सरकार और नीतीश कुमार नहीं चला रहे हैं बल्कि डीके और उनके अधिकारी चला रहे हैं यही वजह है कि अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है और सत्ता के संरक्षण में अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.

 बाढ़ से कृष्ण देव की रिपोर्ट

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