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सहरसा के बनगांव में घुमौर होली की धूम..

Celebration of Ghumour Holi in Bangaon of Saharsa

Saharsa :- बिहार में आज भी होली खेली जा रही है वहीं राज्य के कई इलाके हैं जहां की होली काफी ऐतिहासिक और प्रसिद्ध रही है, ऐसी ही होली सहरसा जिले के बनगांव नगर में मनाई जाने वाली घुमौर होली है, जिसकी अपनी विशेष पहचान रखती है। 

यह होली ब्रज की लठमार होली की तरह प्रसिद्ध है। राज्य सरकार ने इसे राजकीय महोत्सव का दर्जा भी दिया है। लक्ष्मी नाथ होली समिति बनगांव के धनजय मिश्र के अनुसार, यह परंपरा 1787 में सुपौल के परसरमा गांव में जन्मे संत लक्ष्मी नाथ गोंसाई द्वारा शुरू की गई थी। मान्यता है कि इसकी जड़ें श्री कृष्ण के समय से जुड़ी हैं। बनगांव के भगवती स्थान के पास मनाई जाने वाली इस होली में लोग एक-दूसरे के कंधों पर सवार होकर रंग खेलते हैं। इमारतों को भी रंगीन पानी के फव्वारों से सजाया जाता है। होली के बाद शास्त्रीय संगीत का आयोजन भी होता है।सांप्रदायिक एकता की मिसाल बनी इस होली में सभी जाति-धर्म के लोग बिना किसी भेदभाव के शामिल होते हैं। बनगांव में पहले ललित झा बांग्ला पर एकत्रित होकर लोग भगवती स्थान पहुंचते हैं। वहां बैलजोड़ी होली का प्रदर्शन किया जाता है। इस अनूठी होली में लोग एक-दूसरे के कपड़े फाड़कर भी आनंद लेते हैं। यह परंपरा आज भी उसी उत्साह के साथ जारी है। पूरे क्षेत्र के लोग भगवती स्थान के प्रांगण में जमा होकर रंगों का त्योहार मनाते हैं। वे बताते है कि 200 वर्षो के इस घुमौर होली का आनंद हिन्दू मुस्लिम एक साथ मानते है, यहां कोई जाति महजब नही होता। बनगांव की होली ऐतिहासिक है। वर्ष 2022 मे राज्य सरकार ने इसे राजकीय महोत्सव का दर्जा भी दिया था जिसके बाद यंहा तीन दिवसीय होली उत्सव के रूप मे मनाया जा जाता है। जहां मुख्य अतिथि के साथ हजारों के संख्या में उमड़ पड़ते हैं।इस बार की होली में BJP विधायक सह पूर्व मंत्री आलोक रंजन झा समेत कई गणमान्य शामिल हुए.

सहरसा से दिवाकर कुमार दिनकर की रिपोर्ट




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